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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ट्रैक पर देना होगा टेस्ट, हर जिले में बिहार सरकार बनाएगी टेस्टिंग ट्रैक

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बिहार परिवहन विभाग के बजट में इस वर्ष करीब 22 करोड़ रुपए की कटौती की गई है। विभाग द्वारा पुरानी योजनाओं को ही गति प्रदान कर पूरा किया जा रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए हर जिले में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की स्थापना की जाएगी। फिलहाल 15 जिलों में प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है। औरंगाबाद को छोड़कर शेष सभी जिलों में दो मोटर वाहन प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे। इसके लिए अधिकतम 20 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जा रहा है।

अभी तक 51 संस्थानों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। वहीं गया एवं अरवल जिले में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मोटर ट्रेनिंग ड्राइविंग स्कूलों में सिमुलेटर आधारित प्रशिक्षण भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए अधिकतम दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि चालक प्रशिक्षण केंद्रों को दिए जाने का प्रावधान है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित परिवहन के लिए 454 बस स्टाप का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। दूसरे चरण में 296 स्थलों का चयन बस स्टाप के लिए किया गया है।

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गाड़‍ियों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य किया गया है। महिला के नाम पर कामर्शियल वाहनों की खरीद के साथ महिला के नाम पर लाइसेंस होने पर वाहन कर में छूट दी जा रही है। इसी तरह दिव्यांगों के द्वारा प्रयोग में लाए गए वाहनों को टैक्स से छूट दी गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों को कुल टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। जिन प्रखंडों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र नहीं है, वहां प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना की जाएगी।

पटना नगर निगम के साथ दानापुर, खगौल व फुलवारी शरीफ नगर परिषद क्षेत्र में 31 मार्च, 2022 से डीजल ऑटो को बंद किया जाएगा। ऐसे में ऑटो चालकों के लिए अनुदान का प्रावधान किया गया है। पटना में चलने वाले डीजल चालित बसों की जगह नए सीएनजी बसों के लिए 3.75 करोड़ की स्वीकृति भी दी गई है।