BIHAR
डॉ कलाम से मिली मदद से 27 वर्षीय युवक ने बनाया खाना बनाने वाला रोबोट
बिहार के भागलपुर जिले के नौगछिया के रहने वाले अभिषेक भगत ने रोबोकुक नाम का खाना बनाने वाला रोबोट बनाया है। आज के समय में नौकरी कर रहे लोगों के लिए खाना बनाना आसान नहीं है। इसीलिए बिहार के अभिषेक भगत ने एक रोबोट बनाया है जो आपके पसंद का खाना बनाएगा।
अभिषेक ने रोबोकुक का मूल डिजाइन 2006 में ही बना लिया गया था जिस वक्त वह केवल 14 साल के थे। बाद में इसके लिए उन्हें नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया। दरअसल रोबोकुक एक ऐसा कुकर है जिसमें आप कई तरह के खाने को बना सकते हैं।
27 वर्षीय अभिषेक बताते हैं मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था और शरारत की वजह से मुझे स्कूल से निकाल दिया गया था। मेरे माता-पिता भी मुझसे खासे परेशान थे, लेकिन एक करीबी रिश्तेदार के कहने पर मुझे आगे की पढ़ाई के लिए पटना के एक बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया। अभिषेक कहते हैं कि वह अपने माता-पिता के लिए हमेशा चाय बनाते थे। इससे उन्हें कुछ ऐसा करने की प्रेरणा मिली, जिससे चाय खुद ब खुद बन जाए और उन्हें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत न पड़े।
आठवीं कक्षा में अभिषेक ने एक बॉक्स बनाया। इसके नीचे एक ढक्कन लगा था। इसके वॉल पर, उन्होंने इलेक्ट्रोमैग्नेट और ढक्कन पर एक परमानेंट मैग्नेट लगा दिया। इसकी खासियत यह थी कि इसमें जब करंट नहीं जाता था तो दोनों चिपके रहते थे और करंट देते ही दोनों अलग हो जाते थे। इसमें टाइमिंग सेट करने के लिए उन्होंने चार अलार्म सेट किए थे।
वह अपने इस इनोवेशन को आगे बढ़ाना चाहते थे। लेकिन उनके घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। ऐसे में उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम को चिठ्ठी लिख दी। उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी कि इसका कोई जवाब आएगा। लेकिन कुछ दिनों के बाद मुझे राष्ट्रपति भवन से एक चिठ्ठी मिली जिसमे मुझे अपनी योजना को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, अहमदाबाद भेजने को कहा गया।
वह कहते हैं मुझे 2 साल के बाद इसका जवाब आया। मुझे वहाँ इग्नाइट अवार्ड समारोह में बुलाया गया। वहां कलाम सर को देख कर ठान लिया कि अगले साल इस पुरस्कार को मैं ही जीतूंगा। उन्होंने इसे साबित भी किया और एक अनोखा रोबोटिक कुकर बनाने के लिए एनआईएफ द्वारा सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अभिषेक कहते हैं कि मैंने टाइमिंग को घड़ी में प्रोग्राम कर दिया। इसमें 9 बॉक्स होते थे। जिसमें लिखा होता था कि किस में क्या सामग्री डालनी है। इसमें मात्रा खुद से तय करनी होती थी। आगे चलकर अभिषेक ने आईएनएफ और देसमानिया डिजाइन की मदद से एक ऐसा कुकर डिजाइन कर लिया जिसमें क्वांटिटी भी ऑटोमेटिक ली जाती थी। इस इनोवेशन को 2012 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा सम्मानित किया गया।
साल 2018 में अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म पैडमैन के समय में कई आविष्कारकों को सम्मानित किया था। इसमें अभिषेक का भी नाम शामिल था जिसमें उन्हें 5 लाख रुपए मिले थे जिससे उन्होंने रोबोटिंग गैजेट प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। साथ ही एक युवा वैज्ञानिक के तौर पर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
अभिषेक अपने रोबोकुक में जल्द ही एक ऐसे फीचर को जोड़ने जा रहे हैं जिसमें एक एप कुकर को निर्देश देगा। उनका रोबोकुक आपको निर्देश भी देता है कि कैसे क्या करना है।अभिषेक बताते हैं टेस्टिंग के उद्देश्य से B2B मार्केट में वह अब तक 15 से अधिक यूनिट बेच चुके हैं। आज उनके इस कुकर की कीमत करीब 15 हजार रुपए है।
अभिषेक कहते हैं कि आज अभिभावकों और शिक्षकों को समझने की जरुरत है कि, बच्चे की रुचि किस क्षेत्र में है। अभिषेक की कंपनी को फिलहाल एनआईएफ इनक्यूबेट कर रही है और उनके इस कुकर को खरीदने के लिए आपको एनआईएफ को मेल करना होगा।