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डीसी2 ने डिजाइन की महिंद्रा थार 6×6, लुक्स ने सोशल मीडिया पर मचाई धूम

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हिंदुस्तान की सबसे बड़ी कस्टामइजेशन कंपनी डीसी2 डिजाइन ने थार के एक 6×6 वर्जन से पर्दा उठाया है। उसका डिजाइन इंटरनेट पर बहुत चर्चा में रहा है और हमें लगा कि ये कोई कान्सेप्ट मॉडल होगा। मगर कंपनी के ओनर दिलीप छाबड़िया द्वारा बताया गया कि ये कॉन्सेप्ट मॉडल नहीं वरन बिक्री के हेतु उपलब्ध कार है तथा अगर आप इसे अफोर्ड कर सकते हैं तो आगे इसकी पूरी इनफॉर्मेशन हमनें शेयर की है।

मर्सिडीज बेंज जी वैगन 6×6 और कस्टम मेड जीप ग्लेडिएटर इस बात का प्रमाण है कि वेक्तियो को 6×6 कारें बहुत पसंद आती हैं। जबकि ये काफी हायपर लग्जरी प्रोडक्ट्स हैं तथा इन्हीं से प्रेरित होकर डीसी2 ने थार को ये डिजाइन दिया है।

बॉडी को हर प्रकार से रीडिजाइन करने के अलावा कंपनी ने इसमें विंडशील्ड,लाइट्स तथा नए टायर दिए हैं वहीं कंपनी ने उसके चेसिस में भी चेंजिंग किया है। डीसी2 डिजाइन द्वारा उसके चेसिस को बढ़ाकर नया थर्ड एक्सल बनवाया गया है। उसके अलावा कंपनी ने इसके ओवरहैंग्स को भी शॉर्ट रखा है। इससे गाड़ी को बढ़िया अप्रोच तथा डिपार्चर एंगल मिला है उसके सहित ही कंपनी का बताना है कि इस 6×6 पिकअप डेक में 1 टन तक का सामान लोड किया जा सकता है।

इसके मैकेनिकल पार्ट में कंपनी ने कोई बदलाव नहीं किए हैं। मगर दिलीप छाबड़िया का कहना है कि उन्होनें ये कार ब्रिटेन में रह रहे भारतीय ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए तैयार की है जहां इस कार में 4.0 लीटर फोर्ड इंजन और 8 स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है।

डीसी2 डिजाइन को थार के रेगुलर मॉडल को 6×6 थार में मॉडिफाय करने में लगभग 120 दिन का वक्त लगा। थार के इस 6×6 मॉडल से अलग कोई दूसरी डिजाइन वाली थार कंपनी ने तैयार नहीं की है। लेकिन कंपनी द्वारा उसमे अलग अलग कलर तथा वेरिएंट के ऑप्शन दिए हैं। दिलीप छाबड़िया द्वारा बताया गया कि थार के सभी वेरिएंट्स को वो 6×6 डिजाइन दे सकते हैं।

लोगों के मन में सबसे बड़ा प्रस्न इसकी दाम को लेकर उठ रहा है। एक रेगुलर थार को थार 6×6 में कन्वर्ट करने के लगभग 55 लाख रुपये बताई गई है उसमे 28 प्रतिशत जीएसटी जोड़कर ये करीब 70.40 लाख रुपये की लागत पड़ेगी। परंतु आपको पहले एक नई महिंद्रा थार भी खरीदनी होगी तथा उसे कस्टमाइजेशन के हेतु डीसी2 डिजाइन को देना होगा तथा नई थार खरीद के हेतु भी पैसे आप ही को खर्च करने होंगे।

कई वेक्तियी के मन में ये प्रश्न भी है कि क्या हिंदुस्तान में ये व्हीकल कानूनी तरीके पर मान्य है? इसपर दिलीप छाबड़िया द्वारा बताया गया है कि कस्टमर को पहले अपने स्थानीय रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस से कानूनी मान्यत प्राप्त करने होगी तथा उन्हें इस बात की इनफॉर्मेशन कंपनी को भी देनी होगी। कार कस्टमाइज करने वाली कंपनियों को कोई गाड़ी मॉडिफाय करने से पहले ये सब करना महत्वपूर्ण होता है।