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टाटा ग्रुप के हाथों में एयर इंडिया को सौंपने की तारीख हुई तय, जानिए पूरी कहानी

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कंपनी के फाइनेंस डायरेक्टर विनोद हेजमादी ने एयर इंडिया के कर्मचारियों को एक मेल करते हुए कहा कि आज बैलेंस शीट बंद कर दिया जाएगा ताकि टाटा इसकी समीक्षा कर सके। अब अगर कोई बदलाव होगी तो उसे बुधवार 26 जनवरी को किया जा सकता है। पिछले साल अक्टूबर में एयर इंडिया की बोली में टाटा ग्रुप ने यह बोली जीत ली जिसके बाद टैलेस प्राइवेट लिमिटेड जो कि टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है, इसे एयर इंडिया सौंपा जाना था। यह डील 18000 करोड़ में की गई थी। इसके बाद 25 अक्तूबर 21 को केंद्र ने इस सौदे के लिए शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

टाटा ग्रुप को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिलने के बाद नए मालिक को इससे जुड़े नाम और लोगो को पांच साल तक संभाल कर रखना होगा। एयर इंडिया के साथ टाटा संस को उसकी सब्सिडियरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी मालिकाना हक मिलेगा। एयर इंडिया एक्सप्रेस सस्ती हवाई सेवाएं देती है। 

एअर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AI-SATS में सरकार की पूरी हिस्सेदारी टाटा संस को ट्रांसफर होगी। एअर इंडिया की मालिक बनने के बाद अब टाटा संस के पास तीन एयरलाइंस हो गईं। समूह के पास पहले से विस्तारा और एयर एशिया में हिस्सेदारी है। इसी के साथ टाटा संस की एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है।

सरकार के मुताबिक 31 अगस्त 2021 तक एअर इंडिया पर कुल कर्ज 61,562 करोड़ रुपये का था। टाटा ने भुगतान कर 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज उतार दिया है। टाटा द्वारा इस कर्ज के उतारने के बाद अब एअर इंडिया पर कुल 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज बचा है।

सबसे पहले जेआरडी टाटा के द्वारा 1932 में एयर इंडिया को टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया गया था। उसके बाद 1946 में इसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया जिसे 1954 में सरकार ने टाटा ग्रुप से एयर इंडिया को खरीदकर उसका राष्ट्रीकरण कर दिया गया। सभी कंपनियों को मिलाकर दो कंपनियां बनाई गईं जिसमें घरेलू सेवा के लिए इंडियन एयरलाइन्स और विदेश के लिए एअर इंडिया।