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जीविका दीदी तालाब के सहारे पर्यावरण का संरक्षण करेंगी

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पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में जीविका दीदी तालाब के सहारे पर्यावरण का संरक्षण करेंगी। जीविका दीदी के नाम से अब इन तालाबों को जाना जाएगा। इस जिले के 26 तालाब जो कि मनरेगा के तहत बन कर तैयार हुआ है। मत्स्यपालन और बतख पालन के साथ मत्स्यबीज का उत्पादन जीविका दीदी
करेंगी। इसके तालाब के  चारों तरफ फलदार और इमारती पौधे लगाएंगी। इससे जिले की 2600 जीविका दीदियों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। मनरेगा के द्वारा विकसित इन तालाबों के संरक्षण का अधिकार जल-जीवन हरियाली के अंतर्गत अब जीविका दीदी को दिया जा रहा है। अब इनकी पहचान अब जीविका दीदी की तालाब के नाम से ही जाना जाएगा। इस पर्यावरण का संरक्षण के साथ-साथ जीविका दीदी आर्थिक रूप से खुद को भी समृद्ध् करेंगी। 2600 महिला जो जीविका समूह से जुड़ी है उन्हें आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा। बताया जा रहा है कि जीविका ने इन तालाबों के संरक्षण को ले कर रूपरेखा भी तैयार कर ली है।

मुख्य रूप से  वे इस तालाब में मत्स्य पालन के साथ ही मत्स्य बीज का उत्पादन भी करेंगी। इन सब के अलावा इन तालाबों में बत्तख पालन की भी योजना है। जीविका दीदी इन तालाब के किनारे फलदार व इमारती पौधे भी लगाएंगी। पौधों की देखभाल के साथ तालाब के पानी को स्वच्छ रखने का काम जीविका की सदस्य खुद करेंगी। जीविका समूह के बीच इसका लाभ बांट दिया जाएगा। बताया गया है कि पांच से दस हजार रुपये के लाभ का अनुमान प्रत्येक जीविका सदस्य को एक तालाब से होगा। 26 तालाबों को जीविका दीदी को सौंपा जाएगा जो की मनरेगा के द्वारा विकसित किया गया है। इससे वे पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ आर्थिक रूप से समृद्ध होंगी।

   उप विकास आयुक्त कमलेश कुमार सिंह जीविका को मरेगा के तहत तैयार तालाब सौंपने के बाद इसमें मत्स्य पालन के अलावा मछली बीज, बत्तख पालन व पौधारोपण करने की योजना तैयार की गई है।

कमलेश कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त जीविका को मरेगा के तहत तैयार तालाब सौंपने के बाद इसमें मत्स्य पालन के अलावा मछली बीज, बत्तख पालन व पौधारोपण करने की योजना तैयार की गई है। वरूण कुमार, जिला प्रबंधक, जीविका