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जितवारपुर रेलवे गुमटी पर लगा इलेक्ट्रॉनिक गेट, गुमटी पर जाम की दिक्कतों से मिलेगा निजात

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एक अच्छी पहल अब समस्तीपुर में रेलवे फाटकों पर ट्रेन की प्रतीक्षा करने में लगने वाले लंबे ट्रैफिक से अब लोगों मिलेगा निजात। जितवारपुर रेलवे गुमटी पर इलेक्ट्रॉनिक गेट को मंगलवार सुबह से कार्य करना आरंभ करवा दिया गया। अब उस गेट पर लगने वाली ट्रैफिक से छुटकारा मिल जाएगा। पर सुबह के समय में लंबी ट्रैफिक लग जाती थी। रेलवे सर्किल एडमिनिस्ट्रेशन समस्तीपुर रेल मंडल के 200 से ज्यादा स्टेशन के समीप वाले रेलवे गुमटी पर इलेक्ट्रॉनिक गेट लगवाने के प्लान पर कार्य कर रहा है। फर्स्ट लेवल में रेलवे मंडल के समस्तीपुर- खगड़िया रेलवे लाइन वैसे रेलवे फाटक पर इलेक्ट्रिक गेट लगवाया जा रहा है जो स्टेशन के नजदीक है तथा वहां इंटर लॉक सिस्टम से फटाक ओपन और क्लोज होता है।

समस्तीपुर स्टेशन से समीप जितवारपुर रेलवे गुमटी संख्या 50 D पर इंलेक्ट्रिक फटाक मंगलवार सुबह से कार्य करने लगा है। DRM आलोक अग्रवाल द्वारा कहा गया कि उससे कार्यकर्ता को भी सहूलियत होगी, वहीं फटाक पर ट्रैफिक भी नहीं लगेगी। ट्रेन गुजरते ही गेट को खोला जा सकेगा। उनके द्वारा बताया गया कि धीरे-धीरे मंडल के जरूरी रेलवे फाटको पर इलेक्ट्रिक गेट को लगवा दिया जाएगा।

समस्तीपुर स्टेशन से पहला रेलवे फाटक क्रमांक 50 D लगाते या खोलते वक्त अधिकतर देखा जाता है की रेलवे फाटक की तार टूट जाती थी, या फिर दूसरे टेक्निकल वजहोंसे गेट बंद नहीं हो पाता, तो उस परिस्थिति में ट्रेन को स्टेशन पर रोकना पड़ता है या फिर ट्रेन की स्पीड कम करवानी पड़ती थी। उस कारण से कई बार गाड़िया अपने तय वक्त से लेट हो जाती हैं। वहीं किन्ही बार ट्रेन के गुजर जाने के उपरांत टेक्निकल वजह से फाटक नहीं खुल पाता था। उससे वहां वाहनों की बेहद लंबी लाइन लग जाती थी।

इलेक्ट्रॉनिक लिफ्ट सिस्टम लगवा देने से अब वक्त की काफी बचत होगी। विद्युतीय सिग्नल से ट्रेन को उसके निर्धारीत वक्त स चलने में सहायता मिलेगी। हालाकि ट्रेन के आउटर सिंगनल पास कर जाने के उपरांत फाटक को खोलने में कार्यकर्ता को 5- 10 मिनट लग ही जाता है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक गेट बटन दबाने से तुरंत में ही कार्य करेगा।

रेलवे ऑफिसर के मुताबिक सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक उस रूट पर 20 ट्रेन आती हैं। उससे दिन के वक्त प्रति आधे घंटे पर एक ट्रेन आती है। जबकि सुबह में तो 5 मिनट के अंतराल में ही 2 ट्रेनें है उससे गुमटी खुलने के सहित ही फिर बंद करवा दि जाती है। उससे लोगों को लंबे वक्त तक प्रतिक्षा करना पड़ता है।

इलेक्ट्रिक गेट के खराब होने की पोसिबिलिट्ट बेहद कम हैं। परंतु किसी कारण से टेक्निकल समस्या आ भी जाए, तो भी गेट को बंद करने का ऑप्शन एवलेबल रहेगा। रेलवे ने आपातकालीन गेट भी लगवाए हैं, जो इलेक्ट्रिक गेट के कार्य नहीं करने की स्थिति में लगाए जाएंगे। यह गेट स्लाइडर सिस्टम से कार्य करेगा।

इलेक्ट्रिक गेट बंद होने से पहले सायरन बजेगा तथा रेड लाइट जलने लगेगी। उससे को लोगों को दूर से ही पता चल सके कि अब फाटक बंद होने वाला है। सिक्योरिटी के तरह से भी ये बेहद जरूरी साबित होगा।