Connect with us

MOTIVATIONAL

जाने 5वीं पास उस महिला की व्यवसायी कहानी, जिसे राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित; जानें इनकी सलाना कमाई

Published

on

WhatsApp

बिटाना देवी उन कामयाब महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने मेहनत वा परिश्रम से बुलंदियों को छूने का हौसला रखती हैं। निगोहा के मीरकनगर गांव की निवासी पांचवीं कक्षा पास बिटाना देवी को दहेज में एक भैंस दिया गया था। जिससे 1985 में उन्होंने डेयरी का कार्य आरंभ किया। उनकी यह छोटी सा कोशिश परिवार को भी भा गई। फिलहाल अभी वो दो दर्जन से ज्यादा महिलाओं को डेयरी से जोड़कर नौकरी भी दे रही हैं।

16 गायों और 11 भैंसों के सहित हर दिन लगभग 100 से 120 लीटर दूध उत्पादन करने वाली बिटाना न सिर्फ मवेशियों से अकेले ही दूध निकालती हैं बल्कि उनका देख-रेख भी खुद ही करती हैं। उन्होंने कहा है कि उनके पति हरिनाम सिंह रायबरेली में टीचर थे और अब सेवानिवृत्त हो गए, परन्तु उनकी कोई इच्छा नहीं रही। बेटा कार्तिकेय व दत्तात्रेय के शिक्षा के चलते कार्य करने का समय ही नहीं मिलता। हां इतना है कि पति उनका प्रोत्साहन बढ़ाते हैं और उन्हीं की प्रेरणा का परितोसिक हैं कि लगातार 2005 से लखनऊ में सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन के हेतु गोकुल पुरस्कार दिया जा रहा है।

सपना है कि वह प्रदेश में सबसे ज्यादा दूध अर्जित करने वाली महिला का खिताब अपने खाते में करना चाहती है। बिटाना देवी बहुत बार प्रदेश स्तरीय पुरस्कार में टॉप पांच में आ चुकी हैं। कोरोना महामारी के कारण से दो साल से पुरस्कार वितरण नहीं हुआ है। लखनऊ दूध संघ के प्रवक्ता डीपी सिंह द्वारा बताया गया कि बिटाना देवी पराग को दूध देती हैं। उनका दुग्ध संघ है वहा से पराग दूध इक्कठा करता है। उनकी मेहनत के कारण से वह हर बार सबसे अधिक दूध पराग को देती हैं। उनके जरिए से आसपास की महिलाएं और पुरुष डेयरी बिजनेस से जुड़कर अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं।