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जाने कब से रामायण यात्रा की होगी शुरुआत, IRCTC द्वारा दिए गए ऑफर्स
आईआरसीटीसी की ओर से भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन का परिचालन शुरू होने वाला है। गर्मी की छुट्टियों का आनंद लेने वाले लोगों के लिए यह योजना बनाई गई है। इस ट्रेन के माध्यम से लोगों को रामायण सर्किट पर अयोध्या, जनकपुर, सीतामढ़ी, वाराणसी, नासिक और रामेश्वरम घूमने का मौका मिलेगा।
रेलवे द्वारा जारी की गई सूचना के तहत यात्रा में 8,000 किमी लंबे सर्किट पर 18 दिन का समय लगेगा। इस सफर की शुरुआत दिल्ली से होगी। लोगों को टिकट बुकिंग में दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए ईएमआई का विकल्प भी पेश किया गया है। ईएमआई ऑप्शन के तहत किस्तों में टूर के लिए बुकिंग कर सकते हैं।
रेलवे द्वारा रामायण यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति टिकट की कीमत 62 हजार 370 रुपए का न्यूनतम मूल्य निर्धारण किया गया है। इसमें रेलवे के ओर से दी जाने वाली सभी सेवा शामिल है। इसमें 3 ऐसी टियर चार्ज, होटल में ठहरना, भोजन, लोकल में बसों के जरिए दर्शन, ट्रैवल इंश्योरेंस और गाइड सर्विस शामिल है।
लोगों के लिए ईएमआई का विकल्प दिया गया। इसके लिए आईआरसीटीसी की तरफ से Paytm और Razorpay पेमेंट गेटवे के साथ समझौता किया गया है। सामान के रखरखाव के लिए ट्रेन में दो अतिरिक्त डिब्बे शामिल किए गए। इसके साथ ही पके शाकाहारी भोजन के लिए पेंट्री कार अलग से होगी। हर कोच में एक इंफोटेनमेंट सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड भी मौजूद होंगे।
21 जून से प्रथम भारत गौरव यात्रा ट्रेन सेवा की शुरुआत की जाएगी। इस ट्रेन में 600 यात्रियों की क्षमता वाले 11 3 एसी टियर कोच शामिल होंगे। यह ट्रेन पहले अयोध्या स्टेशन पर रुकेगी जहां से श्रद्धालु राम जन्म भूमि मंदिर, हनुमान मंदिर, नंदीग्राम में भारत मंदिर दर्शन के लिए जाएंगे। इसके पश्चात यह ट्रेन बक्सर में रुकेगी जहां महर्षि विश्वामित्र और राम रेखा घाट का आश्रम दिखाया जाएगा।
इसके पश्चात ट्रेन जनकपुर पहुंचेगी जहां लोगों को राम-जानकी मंदिर ले जाया जाएगा। इसके साथ ही उन लोगों को माता सीता के जन्म स्थान सीतामढ़ी ले जाया जाएगा। वहां से यह ट्रेन वाराणसी पहुंचेगी और यहां पर्यटकों को बनारस के मंदिरों का भ्रमण कराया जाएगा। वाराणसी, प्रयागराज और चित्रकूट में नाइट स्टे की व्यवस्था है।
इसके बाद नासिक से त्रयंबकेश्वर मंदिर और पंचवटी के दर्शन के लिए ट्रेन आगे बढ़ेगी। नासिक के बाद किष्किंधा, हम्पी का प्राचीन शहर जाया जाएगा जहां पर पर्यटक अंजनेयद्री पहाड़ियों और हनुमान के जन्म स्थान माने जाने वाले मंदिर की भी यात्रा करेंगे। उसके बाद वहां से रामेश्वरम जाया जाएगा जहां रामनाथस्वामी मंदिर और धनुषकोडी की यात्रा की जाएगी।
इसके अतिरिक्त यात्रियों को कांचीपुरम भी ले जाया जाएगा जहां वे शिव कांची, विष्णु कांची और कामाक्षी मंदिर का भ्रमण करेंगे। अंत में ट्रेन तेलंगाना के भद्राचलम जाएगी। इसे दक्षिण की अयोध्या के रूप में भी जाना जाता है। इसके पश्चात ट्रेन लगभग 8 हजार किमी की दूरी तय करते हुए अपनी यात्रा के 18वें दिन दिल्ली वापस आ जाएगी।