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जानिए इस प्रेरणादायी महिला के बारे में जिसने मैकेनिक की नौकरी कर पुरुषों के बीच अपनी पहचान बनाई

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एक वक्त था जब महिलाओं को पुरुषों के आकांक्षा कमजोर समझा जाता था, परंतु मॉडर्न युग में महिलाएं आज हर फील्ड में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं, फिर चाहे वह कोई भी फील्ड हो। जबकि, अभी कुछ धकियानूसी विचार रखने वाले लोगों को यही लगता है ज्यादा वजन वाला कार्य महिलाएं नहीं कर सकती हैं। ऐसे में आज की हमारी यह स्टोरी एक ऐसी ही महिला की है, जो ऐसी छोटी विचार रखने वाले इंसानों के मुंह पर एक जोरदार तमाचा जड़ने का कार्य कर रही है तथा अन्य महिलाओं के हेतु प्रेरणादायक बन रही है, तो चलिए जानते हैं उस महिला के बारे में।

हम जिस महिला के बारे में बात कर रहे हैं उनका नाम येडालपल्ली आदिलक्ष्मी है। ये तेलंगाना के कोठागुडेम जिले के सुजाता नागर की निवासी हैं तथा वे ट्रक मैकेनिक हैं। आदिलक्ष्मी तेलंगाना की पहली और एकलौती महिला ट्रक मैकेनिक हैं जो अपने पति के ऑटोमोबाइल रिपेयर शॉप में कार्य करती हैं। बहुत ही गरीब परिवार में जन्मी आदिलक्ष्मी चार बहनों में से दूसरे स्थान की हैं। वे केवल चौथी कक्षा तक की ही शिक्षा प्राप्त की हैं। आदिलक्ष्मी के मुताबिक, उनके पिता के पास भी कोई जमीन नहीं थी तथा ना ही उनके पति के पास है।

साल 2010 में आदिलक्ष्मी की शादी वीरभद्र के सहित हुई थी। पति कार्य करने के हेतु दूर रहते थे, उससे वे वक्त पर घर नहीं आ पाते थे। यहां तक कि आदिलक्ष्मी के पति उस वक्त भी नहीं आ सके थे जब वे अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने वाली थीं। उसके बाद आदिलक्ष्मी ने विचार किया वे एक ऑटोमोबाइल की दुकान चला कर पति को सहयोग करेंगी, ताकि पति परिवार के सहित घर पर रह सकें। पति की सहायता करते-करते वे मैकेनिक के कार्य में महारथ प्राप्त कर ली। जबकि, उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि वे एक मैकेनिक बनेंगी।

दो बच्चों की मां आदिलक्ष्मी दो पहिया वाहनों से लेकर ट्रक के टायर तथा कैरियर बदलने तक सभी काम को सरलता से ठीक कर देती हैं। मैकेनिक शॉप के बाद आदिलक्ष्मी एवं उनके पति वीरभद्र ने वेल्डिंग का दुकान खोला। कह दें कि पंचर ठीक करने से लेकर सभी कार्यों को करनेवाली आदिलक्ष्मी एक विशेषज्ञ वेल्डर भी हैं। जबकि, इस कार्य का असर उनकी आंखों पर भी पड़ा, उसके उपचार के हेतु काफी पैसे भी खर्च करने पड़ें थे।