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जंक्शन को वर्ल्ड क्लास बनाने की प्रक्रिया शुरू, रेल मंत्रालय ने सार्वजनिक किया थ्री डी डिजाइन

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तीव्र गति से जंक्शन को वर्ल्ड क्लास के रूप में निर्माण किया जाएगा। शनिवार के दिन रेल मंत्रालय द्वारा पहली बार इसका थ्री डी डिजाइन सार्वजनिक किया गया। मंत्रालय द्वारा ट्विटर अकाउंट पर इसे शेयर किया गया। इसके पश्चात पूर्व मध्य रेलवे द्वारा भी इसे री-ट्विट किया गया। मुजफ्फरपुर जंक्शन काे वर्ल्ड क्लास बनाने का काम काफी तेजी से किया जा रहा है। इसकी जानकारी सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार द्वारा दी गई है।

साथ ही उन्होंने बताया कि इस जंक्शन काे विश्वस्तरीय विकसित करने की जिम्मेदारी आरएलडीए काे सौंपी गई है। सोनपुर मंडल का सर्वाधिक आय देने वाला जंक्शन मुजफ्फरपुर ही है जिसे ए कैटेगरी का दर्जा प्राप्त है। परंतु अभी तक यहां यात्रियों के लिए सुविधा की कमी है। यहां के गाैरव काे देखते हुए 397 रुपए खर्च कर इसे स्टेशन री डेवलपमेंट प्लान के तहत वर्ल्ड क्लास बनाने पर काम शुरू कर दिया गया है। आरएलडीए द्वारा पहले जाे डिजाइन बनाया गया था उसे रेलमंत्री ने और विस्तारित करने के लिए कहा।

जिले के अलावा नेपाल से अधिक संख्या में लोग प्रत्येक दिन यहां आवागमन करते हैं। इसके साथ ही यह कपड़े, लीची और अन्य व्यवसाय के लिए भी प्रसिद्ध है। उनके सुझाव पर आरएलडीए द्वारा दाेबारा बनाई गई डीपीआर के अनुसार ही कार्य किया जाएगा। इससे पूर्व जो डीपीआर तैयार किया गया था जिसकी कीमत 200 करोड़ थी। इसमें संशोधन कर इसे 397 करोड़ रूपए हो गई है। नई डीपीआर के अनुसार इसमें 120 मीटर लंबे काॅनकाॅर्न का निर्माण किया जाएगा। एक नंबर प्लेटफाॅर्म की लंबाई चंद्रलाेक गुमटी की ओर 90 मीटर बढ़ेगी। इसके प्रथम चरण में रिजर्वेशन काउंटर से एएसएम काउंटर तक की वर्तमान बिल्डिंग काे ताेड़कर काॅनकाॅर्न बनाया जाएगा।

यहां प्रतिदिन लगभग 40 से 45 हजार यात्री आवागमन करते हैं। यहां से 90 से अधिक ट्रेन और 35 मालगाड़ियों का परिचालन होता है। इसमें माेतिहारी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, हाजीपुर की लाइन है। यहां से दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहराें के लिए भी ट्रेन का परिचालन होता है। इस जंक्शन के प्लेटफाॅर्म एक पर 24 रैक तक की ट्रेन खड़ी हाेती है। इस जंक्शन को विकसित करने के लिए चार वर्षों बाद मंजूरी दी गई है।