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BIHAR

चाय उत्पादन में बिहार पांचवे स्थान पर, बिहार से रूस तक किया जा रहा निर्यात

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बिहार राज्य के किशनगंज जिले में उत्पादित चाय की ब्रांडिंग की घोषणा की गई थी। इस घोषणा के पश्चात बंगाल, असम के साथ आसपास के चाय उत्पादक राज्यों के साथ किशनगंज का भी चाय चर्चित है। किशनगंज में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत चाय को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रतीक चिह्न भी जारी किया गया है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार चाय उत्पादन के मामले में बिहार देश में पांचवें स्थान पर है।

सरकार द्वारा सहयोग के पश्चात चाय के विकास के बढ़ते आयाम को लेकर अन्य राज्यों में बिहार की भी चाय चर्चित है। दूसरी ओर किशनगंज जिले के प्रखंड ठाकुरगंज स्थित अभय टी प्रोसेसिंग प्लांट द्वारा चाय का प्रसंस्कृत किया जा रहा है। इसके पश्चात प्रसंस्कृत चाय को निजी तौर पर मास्को में निर्यात किया जा रहा है। वहीं बिहार सरकार को इस ओर चाय उद्यमियों और निर्यातकों को अपेक्षित सहयोग करने की आवश्यकता है।

90वीं के दशक से कुशंजगलज में एक छोटे से रकबे से चाय के खेती की शुरुआत की गई। इसके पश्चात इसके खेती के रकबे में वृद्धि कर यह 14-15 हजार एकड़ तक पहुंच चुका है। वर्तमान समय में इस जिले में निजी और सरकारी टी-प्रोसेसिंग प्लांट की शुरुआत की गई है। डेढ़ हजार टन से अधिक चायपत्ती को तैयार कर बाजार में भेजा जा रहा है। परंतु बुनियादी सुविधाएं के साथ सरकारी प्रोत्साहन के अभाव में हजारों चाय उत्पादक किसान पिछड़ रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा विशेष फसल उद्यानिकी विकास योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत इस वर्ष चाय की खेती को शामिल किया गया है और चाय के नए पौधे लगाने वाले किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसपर किशनगंज में केवल 75 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है।जिले के बढ़ते चाय की खेती के क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से यह पर्याप्त है। परंतु चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया यह छोटा कदम भी जरूरी था। वहीं दूसरी ओर टी बार्ड आफ इंडिया की इकाई भी जिले के ठाकुरगंज, पोठिया एवं किशनगंज प्रखंड में पिछले आठ-दस वर्षों से कार्यालय ही चला रही है। आज के वर्तमान समय में अभी तक बोर्ड की किसी योजना से राज्य के किसानों को लाभ नहीं प्राप्त हो पाया है।

देश में चाय के उत्पादन, प्रसंस्करण और घरेलू व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारतीय चाय बोर्ड का गठन किया गया। इस बोर्ड में सभी चाय उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि शामिल है। परंतु चाय के उत्पादन में बिहार पूरे देश में पांचवे स्थान पर रहने के बाद भी बिहार को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। इस बोर्ड में बिहार के प्रतिनिधित्व को शामिल करने के लिए बिहार सरकार द्वारा पहल की जा रही है।