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गेंहू निर्यात को लेकर भारत का मिश्र से बातचीत, चीन, तुर्की और ईरान जैसे देशों से भी कर रही संपर्क

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गेहूं के निर्यात के लिए भारत सरकार और मिस्र के बीच जो बातचीत हो रही थी वह अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। साथ ही गेहूं के निर्यात के लिए तुर्की, चीन और ईरान जैसे देशों के साथ भी सरकार की बातचीत चल रही है।

शनिवार के दिन वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि गेंहू के निर्यात को लेकर भारत और मिश्र के बीच अंतिम दौर की बातचीत हो रहा है। वहीं चीन, तुर्की और ईरान जैसे देशों के साथ गेहूं के निर्यात के लिए भी बातचीत चल रही है। जानकारी के मुताबिक भारत का गेहूं निर्यात अप्रैल-जनवरी 2021-22 के दौरान 1.74 अरब डालर हो गया है। इससे पिछले साल की समान अविध में यह 34.02 करोड़ डालर था।

मंत्रालय ने कहा कि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने हाल में उन देशों को निर्यात बढ़ाने के संबंध में एक बैठक आयोजित की है, जिन्हें रूस-यूक्रेन जंग के कारण सप्लाई चेन व्यवधानों के चलते बड़ी खेप भेजने की क्षमता है। बैठक में रेलवे ने अतिरिक्त गेहूं परिवहन की किसी भी तत्काल मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त रैक उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

सरकार निर्यात के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर भी लगातार काम कर रही है। बंदरगाह अधिकारियों से गेहूं के निर्यात के लिए समर्पित टर्मिनलों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। भारत से गेहूं निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों में होता है, जिसमें बांग्लादेश की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। इसके अलावा यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों को भी निर्यात किया गया है।

एम अंगमुथु ने कहा हम राज्य सरकारों और निर्यातकों, किसान उत्पादक संगठनों, ट्रांसपोर्टरों के सहयोग से गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मूल्य श्रृंखला के निर्माण पर जोर दे रहे हैं। वैश्विक स्तर पर गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है। हालांकि इसका हिस्सा 2016 में 0.14 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 0.54 प्रतिशत हो गया है।