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गरीबी और खतरनाक बीमारी से जूझ रही उम्मुल खेर ने पहली प्रयास में ही UPSC परीक्षा पास कर बनी IAS
हमारे देश में यूपीएससी की परीक्षा में हर साल लाखों छात्र भाग लेते हैं। लेकिन इस परीक्षा में बहुत ही कम छात्र सफल हो पाते हैं। वैसे कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जो बहुत ही कठिन परिस्थितियों स्थितियों में भी इस एग्जाम में भाग लेते हैं और वे सफल भी होते हैं। उम्मुल खेर एक ऐसे ही स्टूडेंट है।
उम्मुल खेर का जन्म राजस्थान में पाली में हुआ था। लेकिन जब वह छोटी थी तभी उनके पिता अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली में निजामुद्दीन के क्षेत्र कि झुग्गीवाली वाले बस्ती में रहने लगे। उनके पिताजी अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए वे कपड़ों का व्यवसाय करते थे। वे लोग जिस बस्ती में रहते थे उस समय उस झोपडी को तोड़ दिया गया था। जिसके बाद वे लोग अपने पूरे परिवार के साथ त्रिलोकपुरी क्षेत्र की एक नई झुग्गी बस्ती में रहने चला गया लोग। उम्मुल खेर को एक बीमारी थी जिसका नाम है फ्रैजाइल डिसऑर्डर। इस बीमारी में उस इंसान की हड़िया बहुत ही कमजोर हो जाती हैं। यह बीमारी होने के बाद उस इंसान की हड़िया इतनी कमजोर हो जाती हैं कि वे अपने आप में टूट जाती हैं इस खतरनाक बीमारी से ग्रसित होने के कारण 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी हुई है।
उम्मुल खेर के लिए बचपन से ही आईएएस अफसर बनने का सफर बहुत ही मुश्किल रहा है। साथी ही झुग्गी झोपड़ी में रह कर यूपीएससी की तैयारी करना बहुत ही कठिन रहा। इनका परिवार उस समय आर्थिक तंगी से होकर गुजर रहा था, जिसके वजह से उम्मुल बहुत ही छोटी उम्र में ही ट्यूशन देना भी शुरू कर दी थी।
स्कूल की फीस उम्मुल खेर ट्यूशन से कमाए हुए पैसों से भर्ती थी। उन्होंने दसवीं कक्षा में 90% अंक हासिल किया और 12वीं में 89% अंक हासिल किया था। इन्होंने ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय से किया और JNU से पोस्टग्रेजुएशन किया और फिर बाद में एमफिल/ पीएचडी में प्रवेश किया।