BIHAR
गया: एकता की मिसाल है 62 सदस्यों का यह परिवार, एक ही रसोई में बनता है खाना; साथ रहती हैं चार पीढ़ियां
बोधगया में सामाजिक सेवा के हेतु उद्धरण बन चुके कल्याण परिवार की विशेषता कई उपल्क्ष में दूसरों के हेतु इंस्पिरेशन का माध्यम बन गया हैं। आम तौर पर छोटी-छोटी बातों के हेतु घरों में होने वाले पारिवारिक कलेश से संघर्ष करने वालों के हेतु कल्याण परिवार की एकता से दूसरों को सीख लेने की आवश्कता है। घर में सबसे बड़े कृष्ण कन्हैया प्रसाद एवं उनकी पत्नी राधिका देवी ने सारे फैमिली को एकजुट रखने खास भूमिका निभाई है। कल्याण परिवार में टोटल मेंबर की संख्या 62 है। नगर परिषद एरिया के टिका बिगहा में लगभग डेढ एकड़ में फैले कल्याण हाउस परिसर में कमरों की क्रमांक 57 है। सभी परिवार के सदस्य के रहने के हेतु भिन्न – भिन्न कमरा है।
कल्याण परिवार की संयुक्त का विशेष कारण यह भी है कि एक ही किचन में ही सारे 62 मेंबर का खाना बनता है। उसके बाद फैमिली के सभी मेंबर एक साथ खाना खाया करते हैं। 9 भाइयों में सबसे बड़े अजय सिंह कल्याण कहते हैं कि पूरे फैमिली को एक धागे में पिरोए रखने में हमारे चाचा स्वर्गीय रामलखन सिंह व चाची स्वर्गीय गंगा देवी की बेहद ही खास भूमिका रही है। अब सभी फैमिली की बागडोर की जिम्मेदारी मेरे पिता कृष्णकन्हैया प्रसाद व मां राधिका देवी पे है। चाचा की तरह पिता भी एकजुट परिवार में भरोसा रखते हैं। इसी के हेतु आज तक घर का विभाजन नहीं हुआ है।
संयुक्त परिवार के सहित सभी 9 भाइयों अपना-अपना बिजनेस भी है। उसके अलावा NGO के जरिए से क्षेत्र के गरीब, असहाय व आवक्तमंद की सेवा के हेतु भी बोधगया में कल्याण परिवार की अलग पहचान प्रतीक है। हालाकि वर्तमान में कल्याण परिवार पांच भिन्न भिन्न NGO के जरिए से शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन इत्यादि की सेवा अभावग्रस्त को प्रदान की जा रही है। उसके अतिरिक्त होटल, हार्डवेयर, सेनेटरी आइटम, टाइल्स-मार्बल, बिल्डिंग मेटेरियल, इलेक्ट्रिक आइटम इत्यादि का भिन्न भिन्न व्यापार है।
चार पीढ़ियों की उपस्तिथि में चल रहे इस एकजुट परिवार में सबसे बुजुर्ग व्यक्ति कृष्ण कन्हैया प्रसाद है उनकी आयु 75 वर्ष है तो परिवार की सबसे छोटी मेंबर चिमी कल्याण की आयु महज 10 माह है। कृष्ण कन्हैया प्रसाद के 6 बेटों में अजय सिंह कल्याण, विजय कुमार, जयपरिक्षित, राहुल कुमार, विवेक कुमार कल्याण व विकाश कुमार हैं। वहीं इन 6 भाइयों के सहित ही 4 बहनें भी हैं। इसके अतिरिक्त स्वर्गीय रामलखन सिंह के 3 बेटों में चक्रधर सिंह, मुरारी सिंह चंद्रवंशी व आनंद विक्रम हैं। इन 3 भाइयों की 3 बहनें हैं। जबकि सभी 9 भाई व 7 बहनें विवाहित हैं। वहीं नौ भाइयों में कुल बेटा और बेटी की संख्या 21 है। उसमे दो बेटे और दो बेटियों का विवाह भी हो चुका है। चौथी पीढ़ी में अजय सिंह के कल्याण भी दादा बन चुके हैं। जबकि अभी फिलहाल वर्तमान में घर में 12 दंपत्ति हैं।