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गति के मामले में वंदे भारत बुलेट ट्रेन से आगे, 52 सेकंड में पहुंची 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

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देश में ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या अधिक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए रेलवे की ओर से ट्रेनों की संख्या में भी वृद्धि की गई है। इसी बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत की शुरुआत की गई। यह ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी है जिसका निर्माण ओर डिजाइन भारत में ही पूरा किया गया है। वंदे भारत रफ्तार के मामले में बुलेट ट्रेन से आगे निकल गया है। वहीं केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से इससे संबंधित एक वीडियो जारी किया गया है।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार भारत की सेमी हाई स्‍पीड वंदे भारत ट्रेन केवल 52 सेकंड में ही शून्‍य से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में सक्षम है। वहीं जापान में निर्मित बुलेट ट्रेन को 100 किमी की रफ्तार पकड़ने में 55 सेकंड का समय लगता है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय रेल मंत्री की ओर से जारी वीडियो में वंदे भारत के 180 किमी प्रति घंटे की गति से चलते हुए देखा गया है।

केंद्रीय रेल मंत्री की ओर से इस वीडियो को मेड इंडिया कैप्‍शन के साथ ट्विवटर पर शेयर किया गया है। इस वीडियो को लेकर उन्होंने कहा कि ट्रेन की स्‍पीड 180 किलोमीटर के होने के बावजूद गिलास का पानी बाहर नहीं छलक रहा। यह भारत की उन्नत तकनीक का नायाब नमूना है। वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी है। बंदे भारत ट्रेन की गति का ट्रायल राजस्‍थान के कोटा से नागदा रेलवे स्‍टेशन के बीच किया गया जहां कई बार ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ी।

वीडियो में चलती ट्रेन के अंदर मोबाइल फोन की स्‍क्रीन पर स्‍पीडोमीटर से ट्रेन की गति मापी गई है। इसमें दिखाया है कि स्‍पीडोमीटर पर ट्रेन की गति 180 किमी प्रति घंटे से लेकर 183 किमी की रेंज में दिख रही है। ट्विटर पर शेयर किए गए इस वीडियो पर कई यूजर्स के कमेंट आ रहे हैं और रेलवे तथा भारत सरकार की इस उपलब्धि पर बधाई दी जा रही है।

पेटीएम के फाउंडर विजय शेयर शर्मा की ओर से इसे गौरव करने वाला पल बताया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव के पोस्‍ट पर खुशी जताई। साथ ही उन्‍होंने लिखा कि यह गौरव करने वाला पल है कि पूरी तरह भारत में बनी हमारी वंदे भारत ट्रेन ने शून्‍य से 100 किलोमीटर की स्‍पीड पकड़ने के मामले में बुलेट ट्रेन को भी पीछे छोड़ दिया है।

वंदे भारत एक्‍सप्रेस को ट्रेन 18 के नाम से जाना जाता है। यह ट्रेन भारत की सेमी हाईस्‍पीड इंटरसिटी ईएमयू ट्रेन है जिसे भारतीय रेलवे द्वारा मैच 2022 से दो रूट पर इसका परिचालन हो रहा है। इसमें से एक दिल्‍ली से श्री माता वैष्‍णों देवी कटरा के लिए और दूसरी नई दिल्‍ली से वाराणसी के लिए है। पूरी तरह भारत में विकसित इस ट्रेन में सेल्‍फ प्रोपेल्‍ड इंजन लगा है, जो बोगी में ही जुड़ा हुआ है। इसके सभी दरवाजे ऑटोमेटिक हैं और कोच में लगी चेयर 180 डिग्री पर रोटेट हो सकती हैं।