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गजब इंटेलिजेंट है बिहार की ये बेटी: नए साल पर गूगल ने दिया करोड़ का पैकेज, खुद बताया कैसे मिली ये कामयाबी

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पटना (बिहार). हर माता-पिता की यही चाहते है है कि उनके संतान जिंदगी में खूब सफलता पाए। पढ़-लिखकर एक अच्छी जॉब करें। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कि बिहार के एक छोटे से जगह की निवासी मधुमिता शर्मा ने, उसने अपनी कामयाबी से माता-पिता का नाम इंटरनेशनल लेवल पर रोशन किया है। मुधुलिता को गूगल ने एक करोड़ रुपए का पैकेज मिला है। उसकी चर्चा हर जगह हो रही है। बधाईया देने वालों का उसके घर पर तांता लगा हुआ है। चलिए जानते हैं कैसे बिहार की बेटी को मिली यह कामयाबी

दरअसल, गूगल में जॉब पाने वाली मधुमिता मूल रूप से पटना से समीप एक छोटे से जगह सोनभद्र की निवासी हैं। मधुमिता को गूगल ने टेक्निकल सोल्यूशन इंजीनियर पद पर जॉब के हेतु 1.11 करोड़ रुपए का पैकेज दिया है। मधुमिता को ये नौकरी प्राप्त करने के हेतु इंटरव्यू के 7 राउंड क्लियर करने पड़े, जो कि नवंबर से 1 जनवरी के मध्य आयोजित किए गया था।

मधुमिता ने रविवार सुबह मधुमिता ने अपने जॉब ज्वॉइन करने के हेतु स्विट्जरलैंड जाने को दिल्ली एयरपोर्ट से गए। क्योंकि उनको सोमवार के दिन स्विट्जरलैंड में गूगल के ऑफिस में उन्हे ज्वॉइन करना है। वहीं मधुमिता की सफलता से पूरा परिवार बहुत ही खुश है।

मधुमिता को गूगल के बजाय भी मर्सिडीज तथा अमेजोन जैसे बड़ी कंपनियों का ज्वाइनिंग आया था। परंतु मधुमिता द्वारा बताया गया कि इस कंपनी में कार्य करने के हेतु उन्होंने इसलिए भी ठाना था, जबकि कि गूगल में कार्य मिलना काफी हार्ड होता है। उनके लिए ये जानना जरूरी था कि ऐसा क्यों है। यही वजह है कि बाकी कंपनियों का ऑफर उन्होंने ठुकरा दिया था।

मधुमिता द्वारा बताया गया कि उन्होंने गूगल में जॉब करने के हेतु करीब 6 से 7 माह की प्रिपरेशन की। ये जाना की इस कंपनी में सिलेक्शन होने के हेतु कैसे प्रिपरेशन करनी पड़ती है तथा इंटरव्यू में कैसे सवाल किए जाते हैं। प्रिपरेशन के बाद कंपनी में अप्लाई किया इसके बाद फिर आरंभ हुआ इंटरव्यू का दौर जो करीब ढाई माह तक चला।

कह दें कि मधुमिता अपनी स्कूली शिक्षा पटना के वाल्मी स्थित डीएवी स्कूल से की है। उसके बाद राजस्थान के जयपुर के आर्या कॉलेज ऑफ इंजीनिर्यंरग से बीटेक पूरा किया तथा बेंगलूर के एक स्टार्टअप कंपनी में कार्य आरंभ किया।

स्कूल की पढ़ाई के समय में में मधुमिता को मैथ तथा फ़िजिक्स और साइंस ज्यादा अच्छी लगती थी। उसके सहित ही डिबेट कंपीटीशंस में भी वह बढ़-चढ़ कर भाग लेती थीं। शुरुआत में मधुमिता IAS बनना चाहती थीं। जबकि बाद में उन्होंने इंजीनियरिंग को अपना फ्यूचर बनाया फिर गूगल में जॉब करने का ठान लि।