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खादी निवेश पर चार फीसदी ब्याज चुकाएगी सरकार, नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए निकलेगी पत्रिका
खादी प्रोडक्शन में निवेश करने के लिए कार्यशील पूंजी के हेतु लोन पर चार फीसदी तक ब्याज राज्य सरकार द्वारा चुकाई जाएगी। खादी संस्था और कारीगरों दोनों को यह बेनिफिट मिलेगा । राज्य खादी बोर्ड के जरिए से यह आर्थिक सहायता दिया जाएगा। प्रस्तावित आरंभ खादी नीति में इसका प्रोविजन किया गया है। नीति का प्राथमिक रूप तैयार कर सहमति के हेतु खादी संस्थाओं के पास भेजा जाता है । आगे इस पर राज्य मंत्रिपरिषद की सहमति ली जाएगी। आरंभ किया नीति के जरिए अगर खादी के नाम पर चार फीसदी से भी कम मूल्य पर कर्ज मिलता है तो ब्याज की पूरी दर खादी बोर्ड वहन करेगी।
खादी संगठन या कारीगर अगर प्रोडक्शन केंद्र पर भवन या शेड निर्माण के लिए जमीन खरदरी करते हैं या किसी से ट्रांसफर कराते हैं या किसी से पट्टे पर लेते हैं तो सरकार निबंधन मूल्य और स्टांप ड्यूटी की पूरी फीस माफ कर दी जाएंगी । इसी तहत आठ चक्र वाले मॉडर्न चरखों की खरीद पर स्टेट गवर्नमेंट 90 फीसदी फीस तक वहन करेगी। बकाया 10 फीसदी फीस खादी इंस्टीट्यूट को सोयम वहन करना पड़ेगा। मॉर्डन करघों की खऱीद पर भी आर्थिक सहायता मिलेगा। इसी के तहत खादी प्रोडक्शन की नई इकाई लगाने पर कार्य करने को अनुमति को परियोजना लागत पर देने वाले टैक्स का 70 फीसदी तक स्टेट गवर्नमेंट वहन कर सकेगी। वहीं ग्रामोद्योग इकाइयों के जरिए यह कर आर्थिक सहायता 50 फीसदी तक दी जाएगी । वैट, इंट्री टैक्स और सीएसटी समेत दूसरे करों के मामलों में यह लागू होगा।
पांच साल में 15 हजार को प्रत्यक्ष रोजगार
आरंभ किया हुआ खादी नीति के तहत अगले पांच साल में 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देने का ऐम रखा गया है। इसके बाद 20 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। इसमें खादी उद्यमी से समिलित कारीगर और कर्मचारी तक शामिल होंगे। उद्योग डिपार्टमेंट ने एक खादी स्कूल सइस्टेबलिस करने का प्लान भी नीति में सम्मिलित की है। यहां 125 वक्तियो को नामांकन मिलेगा। इस स्कूल में भिन्न अवधि के कोर्स संचालित किए जा सकते है।
ये हैं खास आकर्षण
नेचुरल या अकाल मौत मतलब अपंगता की सिचुएशन में राज्य सरकार खादी कारीगरों को बीमा कवरेज दिए जाएंगे।
राज्य में खादी डिजाइन स्टूडियो और गुणवत्ता परीक्षण केंद्र की इस्टेबलिश करवाई जाएगी। सारे बड़े जिलों में खादी मॉल की बनवाए जाएंगे । यह सरकारी-निजी भागीदारी के ज़रिए पर होगा। राज्य खादी बोर्ड ई-कॉमर्स प्रमोशन के लिए खर्च की गई फीस में भी आर्थिक सहायता देना होगा।