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कोरोना संक्रमण के समय में शुरू किया डेयरी फार्मिंग का कार्य, कमा रहे एक वर्ष में 25 लाख रूपए

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अन्य क्षेत्र की तरह उद्योग क्षेत्र पर भी कोरोना का प्रभाव पड़ा है। इस दौरान कई लोगों की नौकरी छूट गई। इसकी वजह से कई लोगों ने छोटे स्तर पर उद्योग की शुरुआत की। उन लोगों में एक हैं सूरत के रहने वाले मगन नकुम जिन्होंने छोटे उम्र से ही एक डायमंड फैक्ट्री में नौकरी करने की शुरुआत कर दी। उन्होंने सन् 2005 में हीरे की एक छोटी सी कंपनी खोली और हीरे तराशने का काम करते थे। कुछ समय बाद उनका यह काम आगे बढ़ता चला गया और सन् 2020 तक उनका बिजनेस काफी फैल गया और अच्छी कमाई होने लगी।

कोरोना संक्रमण की वजह से पूरे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन का आदेश जारी किया गया। इसका बुरा प्रभाव उनके व्यापार पर भी पड़ा। अपने परिवार को चलाने के लिए उन्होंने अपने बचे सेविंग्स का इस्तेमाल करने लगे। उन्होंने बताया कि चार वर्ष पूर्व ही दो गाय खरीदे हैं। कोरोना काल में आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से उन्होंने डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की और अपने गायों के दूध को लोगों को बेचने लगे। बड़ी मात्रा में लोगों ने उनके दूध की मांग करने लगे। बढ़ती मांग को देखते हुए मगन ने दो और गाय की खरीदारी की और दूध बेचने का दायरा भी बढ़ाने लगे। कुछ समय बाद ही उनके पास ही उनके पास कुल 25 गाय हो गए। उनके भाई और पत्नी भी उनका हाथ बटाने लगे और दूध की बिक्री के साथ घी की मार्केटिंग करने लगे। वर्तमान समय में उनके साथ 75 गाय हैं जिससे प्रत्येक दिन 180 लीटर दूध को बेच लेते हैं और साल भर में 25 से 30 लाख रूपए कमा लेते हैं।

मगन अपने 10 बीघे जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग करते हैं और अनाज और सब्जियां उगाते हैं। गायों की संख्या बढ़ने से उनके रख-रखाव में काफी खर्च होने लगा दूसरे किसानों से चारा खरीदना पड़ता था। इसके लिए उन्होंने खेती की ओर गायों को प्रचुर चारा मिलने लगा और वे गाय के गोबर को खाद के रूप में इस्तेमाल करने लगे। यदि आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है फिर भी दो या चार पशुओं से डेयरी शुरू कर सकते हैं और जरूरत के मुताबिक पशुओं की संख्या बढ़ा सकते हैं। इसमें दो से तीन लाख रुपए का खर्च हो सकते हैं। यदि आप कॉमर्शियल लेवल पर इसे शुरू करना चाहते हैं तो कम से कम 10 से 15 लाख रुपए के बजट की जरूरत होगी।

यदि आप दूध के साथ उसकी प्रोसेसिंग की शुरुआत करते हैं तो उसमें अधिक खर्च होगा। प्रोसेसिंग प्लांट सेटअप करने में एक करोड़ रुपए तक खर्च हो सकते हैं। हमारे देश के कई शहरों में इससे संबंधित संस्थानों में डेयरी फार्मिंग के लिए सर्टिफिकेट लेवल से डिग्री लेवल के कोर्स होते हैं। इसके प्रमुख संस्थान नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल, आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कॉलेज ऑफ डेयरी एंड फूड साइंस टेक्नोलॉजी राजस्थान, संजय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेयरी साइंस हैं। यहां कई प्राइवेट संस्थान और डेयरी फार्मिंग करने वाले लोग भी इसकी ट्रेनिंग देते हैं।

केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा डेयरी स्टार्टअप के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है जिसमें दस पशुओं के लिए दस लाख रुपए का लोन ले सकते हैं। इस लोन पर नाबार्ड से 25 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिलती है और आरक्षित वर्ग के लोगों को 33 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। सब्सिडी और लोन के अप्लाई के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र का होना जरूरी है। साथ ही आपको अपने स्टार्टअप को लेकर एक प्रोजेक्ट भी तैयार करना होगा जिसमें आपके बिजनेस मॉडल की जानकारी देनी होगी।