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BIHAR

केंद्र सरकार ने बिहार को दिया नए सैनिक स्कूल का सौगात, इसी वर्ष आरंभ होगी पढ़ाई

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रक्षा मंत्रालय ने निजी स्कूलों के सहित सहभागिता में 21 सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी है। ये स्कूल मई 2022 से आरंभ होंगे। बिहार के समस्तीपुर, यूपी, उत्तराखंड व हरियाणा में एक-एक नए स्कूलों को स्वीकृति दी गई है। सरकार ने बजट भाषण में निजी हिस्सेदारी में कुल सौ सैनिक स्कूल खोलने का घोषणा किया है। रोसड़ा के बटहा गांव स्थित सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर जल्द ही सैनिक स्कूल के रूप में बदला जाएगा।

केंद्र सरकार ने इस सैनिक स्कूल के रूप में तब्दील करने का फैसला लिया है। उसकी सूचना मिलते ही रोसड़ा अनुमंडल के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। रोसड़ा के लोग इसे अपने लिए केंद्र सरकार का सौगात मान रहे हैं। 12 एकड़ के विशाल भूखंड में फैले सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर सन 1998 स्थापित हुआ था जिसकी स्थापना बटहा निवासी स्वर्गीय डॉ. रामस्वरूप महतो द्वारा की गई थी।

महतो इंग्लैंड में डॉक्टर थे, परंतु विदेश में रहने के बाद भी अपनी मिट्टी से बहुत लगाव रखते थे। इसी वजह से उन्होंने अपनी सारी कमाई एक ऐसे विद्यालय को स्थापित करने में लगा दी, जो सूबे में अपनी एक अलग पहचान बना सके।RSS की विचारधारा से प्रभावित होने की वजह से स्कूल की स्थापना के हेतु उन्होंने RSS संचालित विद्या भारती के पदाधिकारियों से सलाह मशविरा के बाद उस विद्यालय की स्थापना की।

स्थापना करने के बाद यह विद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर चलते रहा। स्कूल का कैंपस 12 एकड़ में फैला है। इस विशाल भूखंड में विद्यालय का विशाल भवन, आलीशान ऑडिटोरियम व स्टूडेंट्स का रम्य छात्रावास भी है। लेब्रोटरी और लाइब्रेरी भी है। पेड़-पौधों व फूलों से आच्छादित विद्यालय का विशाल परिसर प्रकृति के अनुपम छंटा बिखेरती दिखाती पड़ती है। विद्यालय में फिलहाल लगभग 1250 स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं। वहीं 40 टीचर्स व 75 शिक्षकेत्तर कर्मी सेवारत हैं। विद्यालय को CBSE बोर्ड से प्लस टू तक की मान्यता प्राप्त है।

सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर अपने स्थापना काल से ही उन्नति के पथ पर अग्रसर रहा है। विद्यालय की शिक्षा प्रबंध व शिक्षकों की विद्वता व कर्मठता के बदौलत स्टूडेंट्स का मैट्रिक व इंटर के एग्जाम रिजल्ट में बेहतर प्रदर्शन रहा है। इस विद्यालय से इंटर का एग्जाम उत्तीर्ण करने वाले स्टूडेंट्स ने JEE व NEET आदि कंपिटेटिव एग्जाम में भी बेहतर प्रदर्शन कर ऊंचा मुकाम प्राप्त किया है। यहां के कई स्टूडेंट्स इसरो में साइंटिस्ट हैं तो कई विदेशों में अपना परचम लहरा रहे हैं। इसी विद्यालय का स्टूडेंट त्रिपुरारि मुंबई में रहकर ना सिर्फ युवा शायर बल्कि गीतकार एवम कवि के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। दिल्ली व महाराष्ट्र के स्कूल के पाठ्यक्रम में उसकी रचना भी सम्मिलित है। विद्यालय बेहतर शिक्षा व कुशल अनुशासन के हेतु इस जगह में चर्चित है।

इस स्कूल का संचालन स्कूल का रामकृष्ण एजुकेशन ट्रस्ट तथा विद्या भारती बिहार की कमिटी करती है। विद्या भारती के पदाधिकारी समिति के सचिव एवं ट्रस्ट के सदस्य अध्यक्ष होते हैं। फिलहाल विनोद कुमार इस कमिटी के अध्यक्ष हैं। समिति में 11 सदस्य सम्मिलित हैं। बटहा के सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया, ‘डॉ. रामस्वरूप महतो का सपना साकार हुआ है। जिन्होंने पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार व बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से स्कूल को स्थापित किया था उसमें स्कूल को सफलता मिली है।’