BIHAR
किसानों के लिए नई खुशखबरी, डेयरी फार्म के व्यापार हेतु दी जा रही इतनी प्रतिशत सब्सिडी
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के आय का सबसे बड़ा स्रोत पशुपालन है। इसीलिए सरकार द्वारा डेयरी के विकास हेतु नई योजनाओं को लाया जाता है। इसी बीच डेयरी इंटरपेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम को भी लॉन्च किया गया था। इसके अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों को डेयरी के स्थापना के लिए नाबार्ड के माध्यम से 33 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।
इस योजना के लॉन्च होने से डेयरी का व्यापार करने वाले इच्छुक किसानों को एक नया अवसर है। इसके माध्यम से सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ किसानों की आय को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इस योजना का उद्देश्य दूध को व्यावसायिक स्तर पर संभालने के नई तकनीक लाना, असंगठित क्षेत्र के लिए स्वरोजगार उत्पन्न करना और बुनियादी ढांचा प्रदान करना है।
स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ द्वारा इस योजना के लिए किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां, संगठित और असंगठित क्षेत्रों के समूह, संगठित क्षेत्र के समूहों में आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत आवेदनकर्ता को सभी सुविधा दी जाएगी। परिवार के एक से अधिक सदस्य इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। परंतु वे विभिन्न जगहों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे के साथ अलग-अलग डेयरी यूनिट की स्थापना नहीं कर सकते हैं। ऐसे दो फार्मों की सीमाओं के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत डेयरी यूनिट की स्थापना हेतु सामान्य वर्ग के लिए कुल लागत का 25 प्रतिशत सब्सिडी नाबार्ड द्वारा दी जाएगी। वहीं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए कुल लागत का 33 प्रतिशत सब्सिडी नाबार्ड द्वारा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त डेयरी फार्म की स्थापना का 10 प्रतिशत लागत सरकार द्वार कर्ज के तौर पर दिया जाएगा। नाबार्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर इस स्कीम के आवेदन करने और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।