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BIHAR

कांवरिया पथ पर इस बार बिछ रही गंगा की सफेद बालू, वाटर कैनन से रखा जाएगा ठंड

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श्रावणी मेला 2022 आरंभ होने में अब कुछ ही दिन बचे है। कांवरियों का टोली 14 जुलाई से सुल्तानगंज से बाबाधाम देवघर के तरफ प्रस्थान करेगी। कांवरिया सड़क पर अब युद्ध स्तर पर तैयारिया करवाई जा रही है। इस बार कांवरियां सड़क पर अलग एवं ख़ास तैयारिया करवाई जा रही है। रोड कंस्ट्रक्शन मिनिस्टर नितिन नवीन ने भी गुरुवार को कांवरियां सड़क का कैफ़ियत लिया है.

बाबानगरी देवघर जाने के हेतु देश एवं विदेश से कांवरिया आते हैं। भागलपुर के सुल्तानगंज में उत्तर की ओर प्रवाह होने वाली गंगा का जल लेकर कांवरिये बाबानगरी देवघर की तरफ प्रस्थान करते हैं। तपस्या वाली इस कांवर सफर को सुलभ बनाने के हेतु इस बार कच्ची कांवरिया सड़क में गंगा के सफेद बालू को बिछाया गया है।

परंतु सूर्य की ताप से बालू के गर्म होने पर कांवरियों को दिक्कतें होगी, इसी के हेतु बालू में नमी कायम रखने के हेतु कच्ची कांवरियां सड़क में रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट द्वारा वाटर कैनन लगवाया जायेगा, जबकि शिव भक्तों को बालू पर चलने में कोई दिक्कत ना हो। ये बातें मिनिस्टर नितिन नवीन द्वारा गुरुवार को कच्ची कांवरियां पथ के सर्वे के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में कहीं गई।

कांवरियों को पाथ के किनारे जहां बाउंड्री वॉल नहीं है उस स्थान से साइड वॉल मेला के पहले तैयार करवाए जाने का आदेश दिया गया है। कांवरियों को इस बार बिहार-झारखंड बॉर्डर पर बने दुम्मा गेट मतलब की तोरण द्वार का लुक बदला नजर आ सकता है। इसी की तैयारी आरंभ करवा दी गयी है। यहां बिहार सरकार के डेवलपमेंट कार्याों के होर्डिंग भी लगेंगे। इस बार कांवरियों से मनचाहा रेट नहीं वसूलने के हेतु सारे साम्रगी का दम भी तय कर दिया गया है।

कह दें कि पूरे मेला इलाको को 14 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। भागलपुर में 11, बांका में 16 एवं मुंगेर में 13 स्वास्थ्य शिविर कांवरियों की व्यवस्था के हेतु लगाये जा रहे हैं। प्रत्येक शिविर में डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मी 24 घंटे उपस्थित रहेंगे। उसके अतिरिक्त एंबुलेंस की भी तैयारी यहां दिखेगी। हालाकि दर्जन भर से अधिक स्थानों पर आमंत्रण कक्ष भी निर्माण किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के हेतु भी तैयारिया करवाई जा रही है।

सुलतानगंज से दुम्मा तक ढाई हजार कुर्सी लगवाई गई है। यह सीमेंट की कुर्सी है जो टेंप्रोरी तौर पर लगवाई गयी है। प्रत्येक कुर्सी पर पांच कांवरिया बैठेंगे। रास्ते में परिश्रांति के उपरांत इन कुर्सियों पर कांवरिया बैठ कर आराम कर सकेंगे।