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औरंगाबाद-पटना हाईवे का फोरलेन में होगा निर्माण, 139 किमी लंबाई, इन शहरों में बाईपास का निर्माण

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डालटेनगंज-औरंगाबाद-पटना हाईवे का निर्माण फोरलेन में किया जाएगा। वहीं केन्द्रीय सड़क निर्माण विभाग द्वारा डीपीआर की स्वीकृति दी गई है। इसके पश्चात पटना-औरंगाबाद हाईवे को फोरलेन में निर्माण के लिए डीपीआर के लिए टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर में डीपीआर बनाने वाली एजेंसी भाग लेंगे। अगस्त महीने में डीपीआर एजेंसी निर्धारित हो जाएगा।

इस हाईवे पर भारी मात्रा में ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है। औरंगाबाद-पटना और औरंगाबाद-डालटेनगंज हाईवे पर काफी सड़क दुर्घटना होती है। प्रत्येक वर्ष लगभग 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। इसकी जानकारी जिला परिवहन द्वारा दी गई है। वहीं औरंगाबाद में 250 लोगों की मौत हो जाती है। इसके निर्माण के पश्चात इसपर नियंत्रण स्थापित हो जाएगा।

डालटेनगंज औरंगाबाद-पटना हाईवे के निर्माण हेतु
डीपीआर के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। वहीं विभिन्न एजेंसियों से निविदा आमंत्रित की गई है। 23 या 24 अगस्त के दिन टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी जिसके बाद एजेंसी का निर्धारण होगा। इसके बाद एजेंसी द्वारा नौबतपुर से छतरपुर तक सड़कों का ट्रैफिक लोड, बाइपास, अंडरपास, फ्लाई ओवर तथा हर तकनीकी पहलुओं को देखा जाएगा। इसके निर्माण के लिए बजट तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही डीपीआर में सड़क का एलाइनमेंट का भी काम होगा।

इसके निर्माण के पश्चात नए रोजगार के अवसर का सृजन होगा। फिलहाल औरंगाबाद से पटना बस और ट्रैवलर से लोग लगभग चार घंटा में दूरी तय किया जाता है। वहीं इसकी दूरी को अपने निजी वाहनों से तीन से साढ़े तीन घंटे में तय किया जाता है। इस फोरलेन के निर्माण के पश्चात पटना की दूरी को दो घंटों में तय किया जा सकेगा। इसकी वजह यह है कि औरंगाबाद से पटना की दूरी केवल 130 किमी हो जाएगी।

डीपीआर तैयार कर इसे केन्द्रीय सड़क निर्माण विभाग में भेजा जाएगा जिसके पश्चात सरकार द्वारा इसकी मंजूरी दी जाएगी। सभी तथ्यों पर विचार के बाद लगभग तीन वर्षों में डालटेनगंज-औरंगाबाद-पटना फोरलेन का निर्माण हो जाएगा। वहीं कई तकनीकी कारणों की वजह से इसके निर्माण में देरी हो सकती है। फोरलेन के निर्माण के बाद झारखंड राज्य के विभिन्न जिलो से संपर्क स्थापित हो जाएगा। वहीं आवागमन के लिए समय में बचत होगी।

काफी लंबे समय से औरंगाबाद-पटना हाईवे को फोरलेन के निर्माण की मांग की जा रही है। इसकी जानकारी औरंगाबाद भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह द्वारा दी गई है। इस हाईवे पर ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है। इस फोरलेन के निर्माण के पश्चात सदन से लेकर सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष बात रखी।

वहीं पत्र लिखकर भी संबंधित विभाग और मंत्रालय से फोरलेन के निर्माण की मांग की गई। वहीं इसके संबंध में दस बार मंत्री से मुलाकात की गई। इसके लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री द्वारा सहमति जतायी गई। उनके द्वारा सहमति मिलते ही डीपीआर के साथ इसका टेंडर जारी किया गया। इस फोरलेन के निर्माण के पश्चात उद्यमियों के साथ मरीजों को भी लाभ होगा। गंभीर मरीजों को पटना ले जाने में भी बहुत आसानी होगी।