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इन तरीकों से आप भी बना सकते हैं आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड

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आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनवाने के लिए पहले लोगों को वसुधा केंद्र और पंचायत कार्यालय में जाकर बनवाना पड़ता था जिसे बनने में एक महीने का समय लग जाता था और काफी दिक्कतें भी होती है। लेकिन अब आप बिना वसुधा केंद्र और पंचायत कार्यालय में जाए ऑनलाइन ही इस कार्ड को बना सकते हैं जिसके लिए सरकार ने एक पोर्टल जारी किया। ऑनलाइन की मदद से यह कार्ड दस दिन में बन जाता है।

आयुष्मान भारत के कार्डिनेटर विद्या सागर ने बताया कि Setu.pmjay.gov.in वेबसाइट पर जाकर कार्ड बना सकते हैं। साथ ही पहले से किए आवेदन का कार्ड बन गया है तो उसे डाउनलोड भी कर सकते हैं। वहां नया कार्ड भी बना सकते हैं। लोगों के दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया। जिन लोगों के पास प्रधानमंत्री का पत्र या राशन कार्ड में नाम हो, उन्हीं के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।

आयुष्मान कार्ड बनाने में अररिया पहले स्थान पर आता है। वहीं मुजफ्फरपुर 22वें स्थान पर आता है जहां 24 लाख 91 हजार 879 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, लेकिन अभी तक 3 लाख 21 हजार 337 लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बने हैं। वहीं पूरे बिहार की बात करे तो यहां कुल 5 करोड़ 55 लाख 62 हजार 406 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, जिसमें 71 लाख 23 हजार 553 लोगों के ही कार्ड बने हैं।

कार्डिनेटर ने बताया कि दिल्ली की एक एजेंसी के द्वारा लोगों के घर जाकर भी आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई लोग जानकारी के अभाव में वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए डोर टू डोर कार्ड बनवाने का अभियान नवंबर में शुरू किया गया। कॉर्डिनेटर ने बताया कि इस बार से कार्ड पर कोरोना और एईएस का इलाज भी शुरू कर दिया गया है।

आयुष्मान भारत के तहत निजी लैब को जोड़ने की भी योजना शुरू होने वाली है। इसके तहत सभी निजी अस्पताल और प्राइवेट लैब को डिजिटल प्लेटफार्म पर जोड़ा जाना है। इसके लिए अभी रूपरेखा तैयार की जा रही है। आयुष्मान भारत के तहत अभी जिले में 37 अस्पतालों को इलाज करने का लाइसेंस मिला है।