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BIHAR

इंडो–नेपाल बॉर्डर की सड़क को इस साल के जून महीने तक निर्माण कार्य खत्म करने का लक्ष्य

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इंडो–नेपाल बॉर्डर सड़क परियोजना के अंतर्गत सामरिक और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किशनगंज जिले के निर्माधीन 80 किमी लंबी सड़क में से 35 किमी तक सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं 45 किमी सड़क का निर्माण कार्य अभी भी बाकी है।

विभाग के सब डिवीजन अभियंता फरीद अहमद ने बताया कि शेष निर्माण कार्य को इस साल के जून महीने तक पूरा करने का लक्ष्य है। सड़क पर मिट्टीकरण का कार्य 60 प्रतिशत तक कर लिया गया है। कोरोना संक्रमण के कारण तय समय को दो बार बढ़ाया जा चुका है। जून 2021 तक इस कार्य को पूरा करना था वहीं इसका समय बढ़ा कर जून 2022 तक रखा गया है। कोरोना महामारी के प्रभाव के कारण निर्माण कार्य में देरी हो रही है।

यह सड़क बिहार के बेतिया, मोतिहारी, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिले से होकर गुजरेगी। इस सड़क की लंबाई 552 किमी है। वहीं किशनगंज जिले में इस सड़क की कुल लंबाई 79.5 किलोमीटर है। किशनगंज में ठाकुरगंज, दिघलबैंक एवं टेढ़ागाछ प्रखंडों से होकर यह सड़क गुजरेगी।

सीमा से सटे क्षेत्रों के विकास के लिए इंडो–नेपाल बॉर्डर रोड के साथ कई एप्रोच सड़कों को जोड़ा जाएगा। इस सड़क निर्माण से भारत नेपाल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का उद्देश्य है। साथ ही व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा। इस सड़क निर्माण के बाद किसान अपने कृषि उत्पादों को उचित मूल्य पर निकटतम बाजारों में बेचकर फायदा पा सकते है। साथ ही खाद-बीजों की ढुलाई भी आसान हो जाएगी। दूसरी ओर सीमा से सटे एसएसबी व पुलिस थानों के लिए भी ये एक अहम उपलब्धि होगी। सुगम मार्ग के कारण सीमा पर अवैध आवाजाही पर भी रोक लग सकेगी। इसके साथ ही नेपाल के साथ सुरक्षा मामलों में भी समन्वय बना पाना आसान हो जाएगा।