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इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी नहीं मिलने पर शुरू किया बिजनेस, हुआ 12 से 13 लाख रुपए का फायदा

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बेरोजगारी हमारे देश की एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में है। कई लोग अच्छे कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी नौकरी प्राप्त नहीं कर पाए हैं। वहीं कुछ लोगों को अपनी योग्यता के मुताबिक नौकरी मिलने में दिक्कत हो रही है। इन्हीं सब के बीच कुछ ऐसे भी युवा हैं जिन्होंने नौकरी नहीं मिलने पर हार नहीं मानी और खुद का बिजनेस शुरू कर वर्तमान में काफी लाभ कमा रहे हैं। बहुत से युवा नौकरी नहीं मिलने पर बिजनेस के तरफ रुख करते हैं। ऐसे ही कहानी उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा जनपद के बीहड़ी आसई गांव के रहने वाले आशुतोष दीक्षित की है। इन्होंने वर्ष 2017 में कानपुर के पीएसआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। अन्य युवा की तरफ उन्होंने भी नौकरी को खोज शुरू की परंतु एक वर्ष के पश्चात भी उन्हें नौकरी प्राप्त नहीं हुई।

आशुतोष ने नौकरी न मिलने पर हार नहीं मानी। वह अपने गांव लौट गए और पशुपालन करने की शुरुआत की। उन्होंने उधार के रुपए से राजस्थान के बीकानेर से चार साहीवाला गाय की खरीदारी की। तीन वर्ष बीतने के पश्चात तक उन्होंने 70 गायों की गौशाला को तैयार कर लिया था। वह उन गाय से उत्पादित दूध को कांच की बोतल में पैकिंग करते हैं। उन बोतल को शहर में सप्लाई कर लाभ कमा रहे हैं। आशुतोष बताते हैं कि उनका बीहड़ी आसई गांव जंगल के नजदीक बसा हुआ है। जंगल के नजदीक होने की वजह से गायों के लिए चारे की कभी दिक्कत नहीं होती है। वे बताते हैं कि यहां की देसी घी भी सामान्य से 3 गुना अधिक रेट पर बिक्री होती है। वहीं गाय के गोबर से खाद को तैयार कर उसे बेचने का काम किया जाता है।

उन्होंने बताया कि कानपुर का पीएसआईटी कॉलेज एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज है। वहां से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने नौकरी की तलाश की परंतु उन्हें नौकरी नहीं मिली जिसके बाद उन्होंने बिजनेस करना शुरू किया। वर्तमान में उनके पास 70 गाय हैं। वह गाय को दूध को कांच की बोतल में भरकर 50 रुपए की दर से उसकी बिक्री करते हैं। वह महीने में लगभग एक लाख से अधिक का मुनाफा कमा लेते हैं तो वहीं साल का 12 से 13 लाख रुपए।