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आठ बार असफल होने के बावजूद भी नही मानी हार और अन्ततः बने आईएएस अफसर

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आईएएस अधिकारी वैभव छाबड़ा


हमारे देश में ऐसे बहुत सारे आईएएस ऑफिसर बने जिनके सफलता की कहानी बहुत लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती है। ऐसी ही कहानी दिल्ली के रहने वाले वैभव छाबड़ा की है जो बार बार असफल होने के बावजूद अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे और कठिन परिश्रम कर आईएएस ऑफिसर बने।

वैभव दरअसल दिल्ली के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा वही से ही की। प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए सुभाष इंस्टीट्यूट में नामांकन कराया। वहां से उन्होंने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई करने के बाद एक कोचिंग में फिजिक्स के शिक्षक बने। 2 वर्ष वहा पढ़ाने के बाद उन्होंने उस जॉब को छोड़ दिया। फिर बीएसएनएल के एक कंपनी में काम करना शुरू किया। परंतु वह जॉब भी उन्हें ज्यादा रास नहीं आई। उनका मन आईएएस ऑफिसर बनने का था। उसके लिए उन्होंने सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए कठिन परिश्रम करना शुरु कर दिया।

तैयारी के दौरान इनके साथ एक दुर्घटना हो गई। इस दुर्घटना के दौरान उन्हें काफी चोट लग गई जिसकी वजह से डॉक्टर ने उन्हें बेड रेस्ट करना का सुझाव दिया। इस मुश्किल समय में भी वैभव ने अपनी पढ़ाई को बंद नहीं किया और बेड रेस्ट में होते हुए भी अपनी पढ़ाई करते रहे। वर्ष 2018 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी और 32वीं रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बने। उन्होंने इस बीच 8 बार असफल भी हुए, लेकिन अपने हौसले को टूटने नहीं दिया और एक नई ऊर्जा के साथ आगे आगे बढ़ते रहे और कठिन परिश्रम की। जिसकी वजह से अंततः उन्हें सफलता मिल गई। अपने सपने को पूरा किया और आईएएस अधिकारी बन गए।