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आईबीएम की नौकरी छोड़ कर की यूपीएससी एग्जाम की तैयारी, पांच असफलताओं के बाद हुई सफल

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देश की सबसे कठीन परीक्षाओं में से एक सिविल सेवा परीक्षा को पास करना ज्यादातर छात्रों का सपना होता है, लेकिन कुछ ही छात्र इसमें सफल हो पाते हैं। इसमें भी कई ऐसे छात्र होते है जो असफल होने के बाद भी उम्मीद नहीं छोड़ते और मेहनत करते रहते हैं। ऐसी ही कुछ कहानी आईआरएस अफसर नमिता शर्मा की है, जिन्होंने 5 बार फेल होने के बाद सिविल सर्विस में सफल हुई।

नमिता शर्मा की ने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से की। 12वीं के बाद नमिता ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और बीटेक करने के बाद आईबीएम में नौकरी लग गई। कुछ साल तक उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम किया। इसी बीच उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने को लेकर नौकरी छोड़ने का फैसला किया।

नमिता शर्मा ने यूपीएससी एग्जाम पास करने के लिए सात सालों तक संघर्ष किया और पांच बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और अपने आखिरी प्रयास में सफलता हासिल की। हालांकि उन्हें पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी बार भी प्री-एग्जाम में सफल नहीं हो पाईं। नमिता को पांचवें प्रयास में सफलता मिली और इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं, लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका चयन नहीं हुआ। लगातार पांच प्रयास असफल होने के बाद भी नमिता शर्मा ने हार नहीं मानी और खुद को पॉजिटिव रखते हुए छठी बार परीक्षा देने का फैसला किया। अपने छठे प्रयास के लिए नमिता ने कड़ी मेहनत की। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें सफलता मिली। उन्होंने ऑल इंडिया में 145वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा कर लिया।

नमिता शर्मा ने बताया कि असफलता की सबसे बड़ी वजह गलत दिशा में तैयारी थी। उन्होंने कहा मैंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करने के बाद सभी सरकारी परीक्षा देना शुरू कर दिया था और इस दौरान मैंने परीक्षा के बारे में जाने बिना यूपीएससी में अपने शुरुआती प्रयासों को खत्म कर दिया।

नमिता शर्मा के मुताबिक यूपीएससी में सफल होने के लिए अच्छी रणनीति मायने रखती है। यदि आप परीक्षा में असफल होते हैं तो निराश नहीं होना चाहिए। अपने आप को बेहतर बनाने के लिए हर दिन पर ध्यान दें। हर दिन बेहतर और बेहतर करते रहना चाहिए।