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गांव में अब घर बनवाने के लिए करना होगा ये काम, लागू हुआ नया नियम

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गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (GDA), नगर निगम, नगर पंचायतों की जैसे जिला पंचायत में भी उपनियम लागू हो गई है। अब ग्रामीण इलाको में रेजिडेंशियल या कमर्शियल निर्माण कराने वालों को जिला पंचायत से नक्शा पास कराना होगा। यह उपनियम उनपर लागू होगी जो 300 वर्ग मीटर या 3230 वर्ग फीट से ज्यादा एरिया में निर्माण कराएंगे। इस रूल को लागू कर द‍िया गया है। इस रूल के लागू होने से लोगों की जेब कुछ ढीली होगी परंतु इससे कई लाभ भी होंगे।

जिला पंचायत में वर्तमान में आफलाइन मोड में अप्लाई करना होगा एवं एक सप्ताह में नक्शा पास कर दिया जाएगा। यह प्रबंध गोरखपुर मंडल के महराजगंज और कुशीनगर जिले में पहले से लागू है, अब सिर्फ देवरिया जिला ही बचा है, जहां ग्रामीण एरिया में नक्शा पास कराने की आवास्कता नहीं है ।

ग्रामीण इलाको में बेकायदा निर्माण को रोकने के हेतु यह उपनियम लागू की गई है। यह उपनियम जीडीए, गीडा, नगर निगम, नगर पंचायत के दायरे से बाहर के इलाको में लागू होगा। 3230 वर्ग फीट से कम एरिया पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की आवश्कता नहीं होगी।

नक्शा पास कराने के हेतु रेजिडेंशियल भवन के हेतु टोटल कवर एरिया पर 50 रुपये पर मीटर और कमर्शियल भवन के हेतु 100 रुपये पर वर्ग मीटर की दर से फीस देना होगा। इस नई प्रबंध से ग्रामीण इलाको में धड़ल्ले से होने वाली प्लाटिंग पर भी अंकुश लगवाया जाएगा। जिला पंचायत का पूरा जोर बेकायदा रूप से होने वाले कमर्शियल निर्माणों को कंट्रोल करने पर होगा।

ग्रामीण इलाको में नक्शा पास न होने के चलते बैंकों से ऋण भी नहीं मिल पाता था परंतु मानचित्र पास होने के बाद ऋण मिल सकेगा। जो 3230 वर्ग फीट से कम एरिया में भी निर्माण करा रहे हैं वे भी एप्लीकेशन देकर स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं एवम उससे बैंक से ऋण भी प्राप्त कर सकेंगे।

किसी पंजीकृत आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाना होगा एवं उसे भिन्न भिन्न प्रपत्रों के सहित जिला पंचायत ऑफिस में जमा करना होगा। नक्शा रेजिडेंशियल या कमर्शियल, किस प्रकृति का है, यह भी चिंहित करना होगा। उसके सहित ही जमीन के ओनरशिप का प्रमाण पत्र भी देना होगा। जांच के दौरान अग्निशमन, एनवायरमेंट इत्यादि से जुड़ी अनापत्ति भी देनी होगी। अप्लाई करने वाले को प्राप्ति रिसिप्ट मिलेगी। नक्शा पास होने के उपरांत निर्माण कराया जा सकेगा। ग्रामीण इलाको में प्लाटिंग या ग्रुप हाउसिंग के हेतु जिला पंचायत से ले आउट पास करवाना होगा। उससे पहले धारा 143 कराना आवाश्यक है। ले आउट पास होने के उपरांत ही प्लाटिंग की जा सकेगी।

ग्रामीण इलाको में दबंगों ने कब्जा कर निर्माण करवा लेने की भी कंप्लेन मिलती रहती है परंतु उनपर कोई विधिक एक्शन नहीं हो पाती थी। जिला पंचायत की उपनियम प्रभावी हो जाने के उपरांत अब इस कब्जे पर लीगल रूप से बुलडोजर चलाया जा सकेगा एवं माफिया हतोत्साहित होंगे। ग्रामीण इलाको में निर्माण के हेतु नक्शा पास कराना होगा। उसको लेकर जिला पंचायत में प्रबंध बनाई गई है। एप्लीकेशन मंजूर होने के बाद ज्यादातर एक हफ्ता में नक्शा पास करने की कोशिश किया जाएगी। उससे इट्रेगुलर कार्य पर रोक लग सकेगी। नक्शा पास न कराने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। – एके सिंह, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत।