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धाकड़ ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की कहानी, ऐसे बन गए “मुल्तान के सुल्तान”
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की गिनती क्रिकेट इतिहास के सबसे खतरनाक ओपनर बल्लेबाजों में होती है। पारी के शुरुआत से ही चार्ज करने वाले वीरेंद्र सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर 1978 को नजफगढ़ (दिल्ली) में हुआ।
मुल्तान के सुल्तान कहे जाने वाले सहवाग अपने दौर के सबसे मनोरंजक क्रिकेटरों में से एक रहे हैं। सहवाग की बल्लेबाजी उनके बेखौफ रवैया और आक्रामक दृष्टिकोण उनकी सबसे बड़ी खासियत थी। उनकी व्यापक रुख और अपरंपरागत तकनीक ने गेंदबाजों को हमेशा बैकफुट पर रखा।
उन्होंने टीम इंडिया के लिए 104 टेस्ट मैच, 251 वनडे और 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। सहवाग ने टेस्ट में 49.34 की शानदार औसत से 23 शतक और 32 अर्धशतक के मदद से 8586 रन बनाए। उन्होंने एकदिवसीय में 35.05 की एवरेज से 15 शतक और 38 अर्धशतक के मदद से 8273 रन बनाए हैं। वहीं टी20 में उनके बल्ले से 394 रन निकले।
सहवाग उस वक्त चर्चा में आए जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 2001 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मात्र 233 गेंदों पर 25 चौके और पांच छक्के जड़कर 195 रन बनाए। भारत ने यह सीरीज 2-1 से जीता था।
सहवाग आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2007 और आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप-2011 जीतने वाली टीम इंडिया का प्रमुख सदस्य थे। टीम के टॉप ऑर्डर में तेज तर्रार बल्लेबाजी कर उन्होंने दोनों वर्ल्ड कप में महत्वपूर्ण निभाई थी।
साल 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद सहवाग युवा खिलाड़ियों के संरक्षक और कमेंटेटर के रूप में सक्रिय हैं। सोशल मीडिया पर भी वह खूब सक्रिय रहते हैं, जहां उनके मजाकिया पोस्टों पर बड़ी संख्या में प्रतिक्रिया आता है।