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भारतीय टीम की कप्तान शेफाली वर्मा है बेहद स्टाइलिश, जाने शेफाली की सक्सेस स्टोरी और देखें फोटोज।

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क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले लोग भारतीय महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा को जरुर जानते होंगे। शेफाली वर्मा देश की लाखों लड़कियों के लिए एक मिसाल है, जो क्रिकेट में या दूसरे किसी सेक्टर में अपना भविष्य संवारना चाहती है।

हरियाणा में जन्मी सेफाली ने छोटी सी उम्र में ही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर बनने के लिए काफी संघर्ष का सामना किया है। समाज की छोटी सोच हो या रिश्तेदारों का दबाव शैफाली ने बगैर किसी की परवाह किए बगैर अपने पिता की मदद से क्रिकेट की दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाई।

बता दें कि हरियाणा के रोहतक जिले के हिंदू परिवार में शेफाली का जन्म 28 जनवरी 2004 को हुआ था। शेफाली के पिताजी संजीव वर्मा को क्रिकेट में रुचि रही थी, मगर परिस्थितियों के वजह से क्रिकेट में भविष्य नहीं सवार सकें। पापा की तरह ही शेफाली को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का जुनून था। बेटी के इस जुनून को देखते हुए पिता ने घर में ही क्रिकेट की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। लड़की होने की वजह से पिता की तमाम कोशिशों के बावजूद शेफाली का एडमिशन अकैडमी में नहीं हो सका।

बता दें कि संजीव वर्मा ने शेफाली का एडमिशन करवाने के लिए 9 की उम्र में बाल कटवा दिए थे फिर जैसे-तैसे एडमिशन हुआ। इसको लेकर रिश्तेदार उनकी आलोचना भी करते थे, मगर उन्होंने इन सबों को दरकिनार करते हुए बेटी को क्रिकेटर बनाने पर पूरा ध्यान केंद्रित किया। अपने दमदार प्रदर्शन के चलते सेफाली को जल्द ही हरियाणा की डोमेस्टिक महिला क्रिकेट टीम में जगह पक्की हो गई।

हरियाणा की ओर से लाजवाब प्रदर्शन करने पर शेफाली को महिला मिनी आईपीएल में मिताली राज की अगुआई वाली वेलोसिटी टीम में जगह मिली। शेफाली ने मौके को भुनाया और टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। शेफाली ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत मात्र 15 की उम्र में साउथ अफ्रीका के विरुद्ध साल 2019 में की थी। पहले ही मैच में वह बगैर कोई रन बनाए आउट हो गई थी। फिर मौका मिलते ही 33 गेंद में शानदार 46 रन बनाए।

शेफाली जब टीम इंडिया की ओर से इंग्लैंड में मैच खेलने में व्यस्त थी, तब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने उनके नतीजे घोषित किए। शेफाली को दसवीं ओपन परीक्षा में 52 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए। बोर्ड के चेयरमैन ने उन्हें शुभकामनाएं दी। 18 से कम उम्र में ही सेफाली आज सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी बन चुकी है। शेफाली को तनख्वाह के रूप में सालाना 30 लाख रुपए मिलते हैं।