BIHAR
इंजीनियरिंग के बाद बेबाक पत्रकारिता से बनाई अपनी पहचान, जानिए ‘सन ऑफ बिहार’ मनीष कश्यप की स्टोरी।
ईमानदार और निडर पत्रकारिता के बदौलत देशभर में अपना लोहा मनवा चुके मनीष कश्यप किसी परिचय के मोहताज नहीं है। मनीष कश्यप ने पत्रकारिता के क्षेत्र में एक अलग ही ट्रेंड शुरू कर दिया है। आज के समय में लाखों युवा इन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं और इनकी तरह बनना चाहते हैं।
मनीष कश्यप देश के विभिन्न जगहों पर हो रहे गलत कार्यों की काफी बेबाक तरीके से दे रहे है। उनका सच तक चैनल काफी कम वक्त में पूरे देश में पॉपुलर हो चुका है। सोशल मीडिया पर उनकी जबरदस्त फॉलोवर्स है, फेसबुक पर उनके 40 लाख से अधिक फॉलोवर्स है। उनके हर वीडियो को मिलियन्स से अधिक
व्यूज मिलते हैं।
मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1988 को बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में एक छोटे से कस्बे डुमरी महनवा में हुआ था। वे एक मीडिल क्लास फैमिली से संबंध रखते है। मनीष कश्यप के पिताजी उदित कुमार तिवारी है, उनके पिताजी वर्तमान में इंडियन आर्मी में पदस्थापित हैं। मां गृहणी है और एक भाई हैं, जो प्राइवेट कंपनी में पदस्थापित हैं। भाई की शादी भी हो गई है। लेकिन अभी तक मनीष कश्यप कुंवारे है।
मनीष ने शुरुआती पढ़ाई गांव से की है। साल 2007 में हाई स्कूल और 2009 में इंटर की पढ़ाई पूरी की। फिर पढ़ाई के लिए महाराष्ट्र आ गए। जहाँ उन्होंने सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी पुणे से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री ली।
पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद मनीष कश्यप को लगा कि वे किसी कम्पनी में काम करने के लिए नहीं बने हैं। वे लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए जन्म लिए हैं। इसी सोच के साथ मनीष पुणे से रिटर्न बिहार आ गए और जर्नलिज्म को अपना प्रोफेशन बना लिया। काफी मुखर और निडर सवभाव के मनीष कभी भी गलत सोच, भ्रष्टाचार और गलत कार्यों के खिलाफ आवाज उठाने में थोड़ा भी नहीं सोचते। इसी चाहत और गुण के साथ उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में खूब नाम कमाया है।