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MLC चुनाव को लेकर RJD में खेल, तेजप्रताप यादव जायेंगे परिषद, मुंबई से लैंड कर रहे शेख साहब को मिलेगा मौका, जगदा बाबू का पत्ता साफ !

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पटना : बिहार विधान परिषद के 9 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में RJD में कई तरह की खेल की चर्चायें सियासी गलियारे में आम हैं. पार्टी से जुड़े उच्च स्तरीय सूत्र बता रहे हैं कि लालू-राबड़ी के बेटे तेजप्रताप यादव का विधान परिषद जाना तय हो गया है. मुंबई से पॉराशूट लैंडिंग करने वाले एक उम्मीदवार का नाम भी फाइनल है. चर्चा ये भी है कि कॉपरेटिव जगत के धनबली के तौर पर मशहूर नेता जी के सामने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदा बाबू का भी पत्ता साफ हो गया है.

दरअसल विधानसभा कोटे से बिहार विधान परिषद की 9 सीटों पर चुनाव होना है. 18 जून से ही नामांकन की तिथि शुरू हो चुकी है. 25 जून नामांकन की आखिरी तारीख है. विधानसभा में विधायकों की मौजूदा संख्या के आधार पर आरजेडी को तीन सीटें मिलनी तय है. इन तीन सीटों के लिए जिन उम्मीदवारों के नाम की चर्चा है उस पर आरजेडी के कई नेता भी हैरान हैं.

तेजप्रताप यादव का विधान परिषद जाना तय
लालू परिवार से जुड़े लोग बता रहे हैं कि लालू प्रसाद यादव खुद तेजप्रताप यादव को विधान परिषद भेजना चाह रहे हैं. दरअसल तेज प्रताप यादव पिछली दफे वैशाली जिले के महुआ विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे. पिछली बार नीतीश साथ थे लिहाजा तेजप्रताप आसानी से चुनाव जीत गये. लालू यादव को इस दफे उनकी जीत पर शंका है. लिहाजा वे तेजप्रताप यादव को विधान परिषद में सेट करना चाहते हैं. वहां पहले से ही उनकी मां राबडी देवी MLC हैं.

हालांकि परिवार में है विरोध
हालांकि खबर ये भी है कि तेजप्रताप यादव को बिहार विधान परिषद में भेजने का परिवार के अंदर भी विरोध हो रहा है. लालू प्रसाद यादव ने फिलहाल उसका नोटिस नहीं लिया है. लेकिन बात बढ़ी तो लालू अपने फैसले पर पुनर्विचार भी कर सकते हैं.

मुंबई से लैंड करेंगे दूसरे उम्मीदवार
उधर बिहार विधान परिषद चुनाव में आरजेडी के दूसरे कैंडिडेट को मुंबई से लैंड कराने की तैयारी है. चर्चा ये है कि मुंबई में कारोबार करने वाले फारूख शेख नाम के शख्स को आरजेडी अपना उम्मीदवार बनाने जा रही है. दरअसल इस सीट के लिए सैयद फैसली अली भी दावेदार थे. पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें शिवहर से टिकट दिया था. लेकिन वे बुरी तरह हारे. फैसली अली को कुछ महीने पहले हुए राज्यसभा चुनाव में आरजेडी से सांसद चुने गये ‘नेताजी’ समर्थन हासिल था लेकिन वो काम नहीं आया. मैनेजमेंट में फारूख शेख भारी पड़े हैं.

जगदा बाबू भी पिछड़ गये
आरजेडी के भीतर हो रही चर्चाओं के मुताबिक विधान परिषद चुनाव में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी दावेदार थे. लेकिन उनके सामने सहकारिता वाले धनबली आ गये. लालू फैमिली में सहकारिता वाले धनबली की धमक भारी पड़ी है. लिहाजा जगदा बाबू की दावेदारी किनारे लग गयी है. वैसे हमारे संवाददाता से बातचीत में जगदानंद सिंह ने कहा कि वे विधान परिषद चुनाव में दावेदार नहीं हैं.

अति पिछड़े को लेकर फंसा है पेंच
आरजेडी के सूत्र बता रहे हैं कि ये तीनों नाम लगभग तय है. लेकिन पेंच अति पिछड़े तबके को नुमाइंदगी देने को लेकर फंसा है. दरअसल लालू प्रसाद यादव के करीबी उन्हें समझा रहे हैं कि बिहार विधान सभा का चुनाव सामने हैं. बिहार में अति पिछड़ों का वोट ही किसी पार्टी को सत्ता में पहुंचा सकता है. ऐसे में आरजेडी ने अगर किसी अति पिछड़े को विधान परिषद नहीं भेजा तो गलत मैसेज जा सकता है.

आरजेडी के नेता बता रहे हैं कि लालू यादव ने नाम तो तय कर लिये हैं लेकिन अभी उसे सार्वजनिक नहीं किया है. कल यानि सोमवार तक वे अपने उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक कर सकते हैं. उससे पहले वे सभी संभावनाओं को टटोल लेना चाहते हैं.