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सात की उम्र में पिता को खोया, अनोखे एक्शन ने दिलाई पहचान, जानें बुमराह की कहानी

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टीम इंडिया के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह आज टीम के सबसे अहम गेंदबाज हैं, लेकिन उन्होंने काफी संघर्षों के बाद इस मुकाम को हासिल किया है। साल 1993 में अहमदाबाद में जन्मे बुमराह ने केवल 7 वर्ष की उम्र में अपने पिताजी को खो दिया था। इसके बाद वह मानसिक रूप से और मजबूत हो गए थे। बतौर तेज गेंदबाज बुमराह ने शुरूआत से ही शानदार प्रदर्शन किया और आईपीएल में प्रदर्शन के बदौलत टीम इंडिया में जगह पक्की की।

टीम इंडिया के लिए 162 मैच खेलने वाले इस गेंदबाज ने 319 विकेट लिए हैं। बुमराह तीसरे भारतीय गेंदबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक विकेट लिया है। बुमराह ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और भारत में एक इनिंग में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड बना चुके हैं।

गुजरात के लिए अपने डेब्यू मुकाबले में ही कमाल का प्रदर्शन करने वाले बुमराह जल्द ही मुंबई इंडियंस का हिस्सा बन गए। बुमराह की ख्वाहिश शुरू से ही कनाडा जाकर रहने की थी, लेकिन क्रिकेट में अपना भविष्य संवारने के बाद उन्होंने इस सपने को त्याग दिया।

साल 2013-14 में बुमराह ने गुजरात की ओर से खेलते हुए विदर्भ के विरुद्ध सात विकेट लिए और टूर्नामेंट में टीम के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। यहीं से वह अपने एक्शन के चलते सुर्खियों में आ गए। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के वक्त जॉन राइट ने उन्हें देखा और भाग्य बदल गई।

बुमराह को मुंबई इंडियंस के लिए साल 2013 में खेलने का मौका मिला और उन्होंने पहले ही मैच में विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाफ 32 रन देकर तीन सफलता अर्जित की और सब को प्रभावित किया। मलिंगा ने उन्हें गेंदबाजी के गुर सिखाए और वह पहले से और बेहतर गेंदबाज बनते गए।

बुमराह ने साल 2016 में टी20 में 28 विकेट लेकर सबसे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। ग्लेन मैकग्राथ जैसे लीजेंड ने उनकी सराहना की। साउथ अफ्रीका के विरुद्ध टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले इस गेंदबाज ने एबी डिविलियर्स का विकेट चटकाया।