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दुनिया के सबसे महंगे घर में रहते हैं मुकेश अंबानी और उनका परिवार, देखिये एंटीलिया के अंदर की तस्वीरें।

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देश के सबसे धनवान शख्स मुकेश अंबानी जिस शानदार घर में रहते हैं, उसका नाम पौराणिक द्वीप एंटीलिया के नाम पर एंटीलिया रखा गया है। गगनचुंबी भवन विश्व के सबसे बड़े और सबसे विस्तृत निजी मकानो में से एक है, 27 तल्ला, 173 मीटर लंबा, 37,000 वर्ग मीटर से ज्यादा, एवं 168-कार गैरेज, 9 हाई स्पीड लिफ्ट, एक बॉलरूम, टैरेस गार्डन, 50-सीट थिएटर, स्विमिंग पूल, स्वास्थ्य केंद्र, स्पा, एक स्नो रूम एक मंदिर और जैसी तमाम सुविधाएं हैं।

बता दें कि 4,532-वर्ग-मीटर एरिया पर एंटीलिया का निर्माण हुआ था, उसमें वक्फ बोर्ड के द्वारा चैरिटी से जुड़े हुए करीम भॉय इब्राहिम खोजा यतीमखाना नाम का एक अनाथालय चलता था। साल 1895 में अनाथालय की स्थापना एक धनवान जहाज मालिक करीमभॉय इब्राहिम ने की थी। ट्रस्ट ने 2002 में इस भूमि को बेचने की परमिशन का आग्रह किया और दान आयुक्त ने तीन माह बाद जरुरी अनुमति दी। चैरिटी ने शिक्षा के मकसद से आवंटित भूमि एंटीलिया कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के हाथों बिक्री कर दी, जो मुकेश अंबानी के द्वारा संचालित है, जुलाई 2002 में इसे 21.05 करोड़ में अंबानी ने खरीदा था।

मुकेश अंबानी यमन में थोड़े ही वक्त के लिए रहे क्योंकि उनके पिताजी ने साल 1958 में वस्त्रों और मसालों पर केंद्रित एक व्यापारिक बिजनेस शुरू करने के लिए इंडिया वापस आने का निर्णय लिया। इसे “विमल” नाम रखा गया था, लेकिन फिर इसे “केवल विमल” में बदला गया। उनकी फैमिली 1970 के दशक तक मुंबई के भुलेश्वर इलाके में दो बेडरूम के अपार्टमेंट में सामान्य रूप से रहते थे।

जब वे इंडिया आए तो परिवार की आर्थिक हालत में थोड़ा सुधार हुआ लेकिन अंबानी अब भी एक सांप्रदायिक सोसाइटी में रहते थे, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करते थे और उन्हें भत्ता का लाभ कभी नहीं मिला। धीरूभाई ने फिर कोलाबा में ‘सी विंड’ नाम की एक 14-मंज़िला का अपार्टमेंट ब्लॉक खरीदा, जहां हाल तक अंबानी और भाई विभिन्न तल्लों पर परिवारों के साथ रहते थे।

बता दें कि इस बड़े इमारत में एक हेलीपैड भी है, हालांकि यह शुरू नहीं है। हेलीपैड को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा सर्टिफाइड किया जाना बाकी है, और अब तक केंद्रीय रक्षा और पर्यावरण मंत्रालयों से अनुमोदन नहीं मिला है। साल 2010 में गृह प्रवेश हुआ था, लेकिन जून 2011 में, तकरीबन 50 प्रसिद्ध पंडितों को भवन में पूजा-अर्चना करने और वास्तु मुद्दों को संबोधित करने हेतु निमंत्रण किया गया था, जिसके बाद अंबानी ने 2011 के सितंबर में निवास किया।