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बिहार के नंदलाल ने हाथ कटने के बावजूद नहीं मानी हार, पैरों की से दे रहे हैं परीक्षा, आईएएस बनने की है इरादा

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आज के युवाओं में यूपीएससी एग्जाम को लेकर अलग जुनून देखने को मिलता है। इस एग्जाम में सफल होने के लिए छात्र विपरित परिस्थितियों का भी सामना करते हैं। ऐसी ही कहानी मुंगेर जिले के नंदलाल नामक एक छात्र की है जिनके दोनों हाथ नहीं हैं। इन्होंने अपने दोनों पैरों को मदद से ग्रेजुएशन की परीक्षा दी और अन्य लोगों के लिए मिसाल कायम की। नंदलाल हवेली खड़गपुर नगर क्षेत्र के संत टोला के निवासी हैं। वह एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहते हैं।

करंट लगने के बाद काटने पड़े थे हाथ

नंदलाल बताते हैं कि विगत सालों पूर्ण करेंट लगने की वजह से उन्होंने अपने दोनों हाथों को खो दिया था। इसके बावजूद नहीं हिम्मत नहीं हारी और अपने आईएएस ऑफिसर बनने के सपने को पूरा करने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं। इस घटना के कुछ समय पश्चात उनके दादा जी ने उन्हे हिम्मत दी और पैरों से लिखना सिखाया।

बीए पार्ट वन की दे रहा परीक्षा

फिलहाल के लिए नंदलाल आरएस कॉलेज तारापुर में बीए पार्ट वन की परीक्षा दे रहे है जहां से उसकी पैरों की मदद से उत्तर लिखते हुए तस्वीर वायरल हुई है। सोशल मीडिया पर उनकी इस तस्वीर को देखकर खुद को मोटिवेट कर रहे हैं। नंदलाल के पिता का नाम अजय साह है जो एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के साथ दिव्यांगता को भी अपने सपने के आगे नहीं आने दे रहे हैं।

आईएएस ऑफिसर बनने का सपना

अपने दोनों हाथों को खोने के बावजूद भी नंदलाल ने कभी हार नहीं मानी। फिलहाल के लिए वह बीए की पढ़ाई कर रहे हैं। वह बताते हैं कि बा की पढ़ाई के पश्चात वह बीएड की पढ़ाई शुरू करेंगे और फिर आईएएस ऑफिसर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। वर्ष 2017 में नंदलाल ने मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया था। इस सफलता पर तत्कालीन एसडीओ द्वारा उन्हें एक लाख की राशि दी गई थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019 में 12वीं की परीक्षा में साइंस स्ट्रीम से प्रथम स्थान हासिल किया। उनका यह दृढ़ निश्चय अन्य लोगों को भी काफी प्रेरित करता है।