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सुशांत की आत्मह’त्या पर जीजा का बड़ा खुलासा, ADG बोले- सुशांत अपनी मां से करते थे बात, वचन मुक्त होते ही कर लिया सुसाइड
पटना : बिहार के चर्चित अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अब हम सभी के बीच में नहीं रहें. सुशांत की आत्महत्या की गुत्थी को मुंबई पुलिस सुलझाने में काफी दिनों से लगी हुई है. सुसाइड मामले में नौकर, परिजन और उनकी गर्लफ्रेंड के साथ-साथ कई करीबियों को भी पूछताछ के घेरे में लिया गया है. इसी बीच सुशांत के जीजा व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के OSD ओम प्रकाश सिंह ने एक बड़ा खुलासा कर दिया है।
सुशांत के जीजा हैं ADG
हरियाणा में ADG रैंक के सीनियर अफसर सुशांत के बड़े जीजा ओम प्रकाश सिंह ने दरअसल एक बहुत ही भावुक पोस्ट शेयर किया है. इस पोस्ट के माध्यम से उन्होंने कई ऐसी बातों का खुलासा किया है, जिसे सुशांत के बहुत कम ही फैंस जानते होंगे. आईपीएस ओम प्रकाश सिंह ने लिखा है कि बड़ी मिन्नतों के बाद सुशांत का जन्म हुआ था. सुशांत की मां धार्मिक वृति की एक सरल महिला थीं. अपना घर-परिवार कुशलता से सम्भालती थीं. अपने आराध्य की नियमित उपासना करती थीं.
आराध्य (सुशांत) और मां के बीच बातचीत
ओपी सिंह ने इस पोस्ट में लिखा है कि एक दिन सुशांत की मां का इस संसार से जाने का समय आ गया था. आराध्य (सुशांत) ने पूछा, ‘मैं क्या करूँ’? महिला बोली, ‘जब आ ही गए हो तो थोड़ी अपनी बनाई दुनियाँ भी देखते जाओ’। प्रेम फिर आड़े आ गया। आराध्य ने पूछा, ‘कितनी देर?’। महिला बोली, ‘जितनी मेरे साथ’। अगले सत्रह साल आराध्य ने धरती-आसमान एक कर दिया। जिधर जाते, सहज प्रेम की धारा फूट पड़ती। संसारी वृति वाले ईर्ष्या करते। आराध्य बस मुस्कुराते। समय-समय प्रकृति के रहस्य खोजने वालों से पूछते कि कहाँ तक पहुँचे ?
सामान के नाम पर एक दूरबीन’
सुशांत के बारे में सोशल मीडिया पर उन्होंने आगे लिखा कि “सामान के नाम पर एक दूरबीन साथ लिए फिरते। जब-तब दूर अंतरिक्ष में अपने ठिकाने को निहारते। अब परलोक जा बैठी महिला से यदा-कदा चुहल भी करते, ‘खुद तो चली गई, मुझे इधर उलझा गई’। देखते-देखते सत्रह साल और बीत गए। एक दिन आया जब आराध्य महिला को दिए अपने वचन से मुक्त हुए। अब दोनों परलोक में हैं। हर्ष-विषाद, निंदा-स्तुति से दूर। सुख-दुःख, मोह-माया से परे।”
मां के लिए आखिरी पोस्ट
अपनी आखिरी पोस्ट में उन्होंने मां को याद किया था. मां को याद करते हुए सुशांत सिंह की ये पोस्ट काफी भावुक करने वाली है. अपनी मां के साथ फोटो का कोलाज बनाकर शेयर करते हुए उन्होंने जीवन को लेकर लिखा था कि ये क्षणभंगुर है. सुशांत ने पोस्ट में लिखा, ‘आंसुओं से वाष्पित होता अतीत, मुस्कुराहट की एक लकीर को उकेरते सपने और एक क्षणभंगुर जीवन, दोनों के बीच बातचीत …’
मां की मन्नत को किया था पूरा
बता दें कि सुशांत की मां उषा देवी ने बौरने स्थान स्थित मनसा मंदिर में पुत्र प्राप्ति की मन्नत मांगी थी. तीन बहनों के बाद सुशांत का जन्म हुआ था. हालांकि वर्ष 2002 में उनकी मां का निधन हो गया. इसके 17 वर्ष बाद अपनी मां की मन्नत को पूरा करने के लिए वह खुद अपना मुंडन कराने पहुंचे थे. सबसे पहले वह लग्जरी गाड़ी से तेगाछी गांव स्थित बागमती घाट पहुंचे थे. उसके बाद वहां से नाव से ननिहाल बौरने पहुंचे. मंदिर में भगवती की अर्चना की. फिर कुल देवता की पूजा की और विधि-विधान से मुंडन कराया था.