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सुलतानगंज से कहलगांव तक डॉल्फिन की संख्या में हुई गजब की बढ़ोतरी, पर्यावरण के लिए माना जा रहा शुभ संकेत
सुलतानगंज से कहलगांव तक गांगेय डॉल्फिन सैंक्चुअरी स्थली घोषित किया गया है। पूरे देश में यह पहल सैंक्चुअरी स्थली है, जहां डॉल्फिन गंगा की लहरों के मध्य प्रदर्शित होती है। इस सैंक्चुअरी में साल 2022 के पहले डॉल्फिन की क्रमांक 188 थी, जो बढ़ कर 208 हो गयी है।
जनवरी से जून 2022 में वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन ट्रस्ट की टीम द्वारा गांगेय डॉल्फिन की क्रमांक को लेकर निर्माक्षण किया गया था। यह पहला अवसर है कि इतनी शीघ्रता से डॉल्फिन की क्रमांक में वृद्धि हुई है। साल 2014 के उपरांत 2022 में नदी की लहरों के मध्य गांगेय डॉल्फिन के छोटे-छोटे बच्चे अधिक देखे गये। डॉल्फिन के फर्टिलिटी में बढ़ोतरी को एनवायरमेंट के हेतु अच्छी संकेत माना जा रहा है। साल 2018 में गांगेय डॉल्फिन की संख्या 171 थी।
डॉल्फिन की सिक्योरिटी को लेकर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम जब्त कर चुकी है 3 हजार किलो जाल गंगा सेंटिनल की तैनाती की गयी एवं प्रहरियों ने धार व तटों पर वृद्धि हुई पेट्रोलिंग गंगा में सिक्योरिटी गार्ड की क्रमांक 24 है। 4-4 की टीम करती है निगरानी बाढ़ के वक्त गंगा की लहरों पर डॉल्फिन चुलबुलापन करती नजर आती है। बाढ़ के वक्त यह बेहद क्रमांक में दिखायी देती हैं। माणिक सरकारी घाट व अन्य घाटों से बड़े एवं बच्चे बाढ़ के वक्त गांगेय डॉल्फिन को देखते हैं। शाम में यहां लोगों की बेहद भीड़ रहती है।