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शेखपुरा में किसान की बेटी सहायक प्रोफेसर बनने में सफल, अपने नाना के घर से पूरी की पढ़ाई
शेखपुरा जिले के चेवाड़ा प्रखंड की लोहान पंचायत के भूसरी गांव के रहने वाले एक किसान पिता की बेटी सहायक प्रोफेसर बनने में सफल रही। उनके सहायक प्रोफेसर बनने के बाद गांव में खुशी का माहौल है। दरअसल यह कहानी लोहान पंचायत के भुसरी गांव के किसान रविंद्र कुमार कमल और उनकी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका सुशीला कुमारी की बेटी की है। उनके पिता ने कठिन परिश्रम कर अपनी बेटी को उच्च शिक्षा प्राप्त कराई।
बेटी ने भी अपने माता–पिता के सपनों को साकार कर दिखाया। प्रीतम ने यूजीसी नेट सहायक प्रोफेसर की परीक्षा पास कर ली। प्रीतम के माता और पिता दोनों स्नातक हैं। उनके गांव में आज भी प्राथमिक स्कूल ही है। इस वजह से प्रीतम को आगे की पढ़ाई के लिए ननिहाल नवादा जिला का मिर्जापुर गांव अपने नाना इश्वरी प्रसाद यादव के यहां भेजा दिया गया।
अपने ननिहाल के प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय से मैट्रिक करने के बाद प्रीतम कुमारी ने डॉ गंगा रानी कॉलेज से आईएससी की परीक्षा पास की। उसके बाद पकरीबरामा के धेवधा से स्नातक की परीक्षा पास कर पटना यूनिवर्सिटी के दरभंगा हाउस से भूगोल से स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की। पटना विश्वविद्यालय से ही प्रीतम कुमारी ने पढ़ाई को जारी रखा और बीएड और एमएड की पढ़ाई पूरी की।
वर्ष 2009 में प्रीतम की शादी कर दी गई थी। प्रीतम के पति बिहार पुलिस में पटना मुख्यालय में ही हैं। प्रीतम एक बच्चा की मां है। अभी प्रीतम जमुई जिला के मध्य विद्यालय हिलसा कोदबरिया में शिक्षिका हैं। ऑनलाइन संस्था से प्रीतम ने पढ़ाई की। अभिषेक कुमार झा के द्वारा भूगोल पढ़कर उन्होंने सफलता प्राप्त की है।
प्रीतम के गांव में बच्चियों को पढ़ाना उस दौर में काफी मुश्किल था। माता की विशेष पहल पर प्रीतम ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। प्रीतम 6 बहनों में सबसे बड़ी है और उनका एक छोटा भाई भी है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उनके पिता ने अपनी सभी बेटियों को बेहतर ढंग से पढ़ाई कराई। इसके पश्चात प्रीतम ने यूजीसी की नेट परीक्षा में सफलता प्राप्त की और सहायक प्रोफेसर बनी। प्रीतम के पिता रविंद्र यादव कहते हैं कि वह भी वर्ष 1982 में स्नातक हैं।