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BIHAR

शिक्षा के क्षेत्र में नीति आयोग की रैंकिंग में पूर्णिया तीसरे स्थान पर, जानें अन्य क्षेत्रों में बिहार के जिलों की रैंकिंग।

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नीति आयोग की ओर से शिक्षा, वित्तीय समावेशन और स्किल डेवलपमेंट के विभिन्न इंडीकेटर पर देश के आंकाक्षी जिलों की रैंकिंग की गई है। शिक्षा के क्षेत्र में देश के 112 आकांक्षी जिलों में पूर्णिया को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं दूसरी ओर वित्तीय समावेशन और स्किल डेवलपेंट में बिहार के किसी भी जिले का नाम शामिल नहीं है। नीति आयोग, चैम्पियन ऑफ चैंज के नाम से विभिन्न पैरामीटर पर आकांक्षी जिलों में बेहतर काम करने वाले जिलों की डेल्टा रैंकिंग जारी की जाती है। पूरे देश में कुल 112 आकांक्षी जिले हैं जिसमें बिहार के 12 जिले शामिल हैं।

हालांकि मई महीने में विभिन्न इंडिकेटर में बेहतर स्कोर और प्रदर्शन पर आधारित शिक्षा के क्षेत्र में पूर्णिया दूसरे स्थान पर था। नीति आयोग चैम्पियन ऑफ चैंज के इंडिकेटर के आधार पर प्रत्येक महीने जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। इसका उद्देश्य सतत विकास की प्रक्रिया को जारी रखना और जिले को आकांक्षी जिले के श्रेणी से बाहर निकाल कर विकसित जिले की श्रेणी में पहुंचना है।

आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में सुधार होने के फलस्वरूप इन जिलों में नीति आयोग द्वारा ग्रांट जारी किया जाता है। इस राशि से अलग से कार्य करवाए जाते हैं। ग्रांट की राशि 10 लाख से 20 लाख तक होती है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में पूर्णिया को मिलने वाली राशि को शिक्षा हेतु खर्च किया जाएगा।
इससे पूर्व आयोग की ओर से आधारभूत संरचना के लिए बांका का चयन किया गया था।

विकास के विभिन्न पैमाने पर पिछड़े जिलों के लिए केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2018 से आकांक्षी जिला कार्यक्रम का क्रियान्वन किया जा रहा है। इसमें देश के 112 जिलों के समावेशी विकास पर ध्यान दिया जाता है। इस कार्यक्रम में बिहार के कुल 12 जिले हैं जिसमें कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर और नवादा शामिल है। इस कार्यक्रम में शामिल जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, वित्तीय स्थिति, स्किल और आधारभूत अवसंरचना आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाता है।