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रेलवे ने देश के 200 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने की शुरू की कवायद, यात्रियों को मिलेगी एयरपोर्ट जैसी सुविधा।

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विगत कुछ समय से ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए देश के 200 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधा की शुरुआत की जाएगी। इस बात की जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा दी गई है। दरअसल वे सोमवार के दिन महाराष्ट्र के औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पर एक कोच रखरखाव कारखाने के शिलान्यास समारोह में गए हुए थे जहां उन्होंने ये बाते कहीं। वैष्णव ने कहा कि 47 रेलवे स्टेशनों के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है जबकि 32 स्टेशनों पर कार्य की शुरुआत हो गई है।

वैष्णव जी ने कहा कि सरकार की ओर से 200 रेलवे स्टेशनों के पुनर्निर्माण के लिए योजना तैयार की गई है। स्टेशनों पर ओवरहेड स्पेस का निर्माण किया जाएगा जिसमें बच्चों के लिए मनोरंजन सुविधाओं उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही वेटिंग लाउंज और फूड कोर्ट के साथ विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वैष्णव ने यह भी कहा कि रेलवे स्टेशन क्षेत्रीय उत्पादों की बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेंगे। वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण में महाराष्ट्र में मराठवाड़ा क्षेत्र के योगदान पर बात करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भविष्य में देश में 400 वंदे भारत ट्रेनें होंगी जिसमें से 100 ट्रेनों का निर्माण लातूर कोच फैक्ट्री में किया जाएगा। इसके लिए पहले से ही कारखाने में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति योजना के अंतर्गत देश के सभी क्षेत्रों को राजमार्ग अथवा रेलवे से जोड़ा जा रहा है और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों से भी कनेक्टिविटी होगी। औरंगाबाद में कोच के रखरखाव की सुविधा में 18 कोचों की क्षमता है परंतु महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे द्वारा इस क्षमता को 24 कोचों को पूरा करने के लिए विस्तारित करने की मांग की गई। वैष्णव की ओर से अधिकारियों को दानवे की मांग की समीक्षा करने और अगले 15 दिनों में प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया।

इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री और जालना के सांसद रावसाहेब दानवे ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से महाराष्ट्र के लिए 11 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए हैं जो पहले 1 हजार 100 करोड़ रुपये थे। हाल ही में औरंगाबाद-पुणे एक्सप्रेसवे की शुरुआत की गई। इसी बीच केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड द्वारा ने हाई-स्पीड रेलवे परियोजनाओं को शुरू करने की मांग की गई। औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील ने मराठवाड़ा जैसे क्षेत्रों के लिए परियोजनाओं को मंजूरी देते समय आरओआर शर्त को अलग रखने की मांग की।