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रेलवे का बड़ा फैसला, बंजारी रेल लाइन का होगा निर्माण, बिहार से इन इन 3 राज्यों से होगा सीधा संपर्क।

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मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के रोहतास के बीच संपर्कता के लिए भारतीय रेलवे की ओर से बंजारी रेलवे का निर्माण करने का निर्णय किया गया है। इससे रोहतासगढ़ किला के साथ अन्य पर्यटन स्थलों और उद्योगों को लाभ होगा। विगत 8 मार्च को ही क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्श दात्री समिति उत्तर मध्य रेलवे के सदस्य देबू लाल शाह द्वारा पत्र के माध्यम से रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष से डेहरी बंजारी रेल लाइन के निर्माण की मांग की गई थी। इसके पश्चात रेलवे की ओर से प्रक्रिया शुरू करते हुए रेल लाइन के अंतिम स्थान सर्वेक्षण और मिट्टी जांच के लिए टेंडर जारी किया गया है।

इस रेल लाइन का विस्तार चोपन तक होने से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की दूरी में 400 से 500 किमी की कमी हो जाएगी। वर्ष 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री द्वारा पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू मंडल के अंतर्गत डेहरी ऑन सोन–बंजारी रेल लाइन के निर्माण की घोषणा की गई थी। परंतु विगत 14 सालों में केवल सर्वे और मिट्टी परीक्षण कार्य ही पूर्ण हुआ है। उस वक्त इस परियोजना की लागत 110 करोड़ रूपए थी। इस बात की जानकारी जेडआरयूसीसी सदस्य द्वारा पत्र के माध्यम से रेल राज्य मंत्री को दी गई। रोहतास जिले के साथ झारखंड के पलामू के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।

इस रूट के निर्माण के पश्चात उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की दूरी में कमी आएगी जिसके पश्चात चुनार होते हुए चोपन तक पहुंचने में काफी आसानी होगी। पूर्व में विस्तारित करते हुए चुनार के रास्ते चोपन तक रेलवे लाइन को जोड़ने की दीर्घकालीन योजना को तैयार किया गया था परंतु कार्य पूर्ण नहीं हुआ। वर्ष 2016 के प्रथम तीन महीनों तक लगभग 3 करोड़ 66 लाख रूपए खर्च भी हुए।

वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 में इसके कार्य को पूर्ण करने के लिए लगभग 15 करोड़ रूपए आवंटित किए गए। वर्ष 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद द्वारा डेहरी से बंजारी तक लगभग 36.4 किमी में रेल लाइन बिछाने की घोषणा की गई थी जिसके बाद इसके सर्वे का काम भी शुरू हो गया। परंतु कुछ समय पश्चात योजना का कार्य स्थगित
हो गया।

ब्रिटिश शासन के दौरान सन् 1911 में यहां लाइट रेलवे की शुरुआत की गई थी। इसे अकबरपुर से विस्तारित करते हुए सन् 1958 में इसे पिपराडीह तक ले जाया गया। इसकी वजह से वर्ष 1960 तक रोहतास उद्योग समूह की इस कंपनी को सवारी और माल ढुलाई से 50 हजार से अधिक सवारी और 9 हजार टन माल ढुलाई से लगभग 40 लाख रुपए तक लाभ होता था। 9 जुलाई 1984 को रोहतास उद्योग समूह के बंद होने के पश्चात 16 जुलाई को लाइट रेलवे भी बंद हो गई थी। वहीं बड़ी रेलवे लाइन के निर्माण के पश्चात सवारी के साथ माल ढुलाई से रेलवे को काफी लाभ होगा।

इस क्षेत्र में औद्योगिक विस्तार होगा। इसके साथ ही पर्यटन उद्योग आर्थिक उन्नति का केंद्र बन जायेंगे। रेलवे रूट के निर्माण के बाद सड़क मार्ग की भी योजना है। इससे महाराष्ट्र की दूरी में भी 400 से 500 किमी तक कमी आएगी। टेंडर की सूचना उपरांत प्रसंता व्यक्त करने वालों में चंदन कुमार, आरके सिंह, अमित कुमार, संजय यादव, कुमार राजू सिंह, संतोष सिंह, प्रांजल मिश्रा, जितेंद्र यादव, आदर्श कुशवाहा, रजनीकांत तिवारी, विनय गुप्ता, विक्की पटेल सहित अन्य शामिल हैं।