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BIHAR

मिथिला के मखाना को मिलेगा G.I टैग, बिहार कृषि विवि ने पत्र भेजकर सरकार से किया था निवेदन

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बिहार मखाना नहीं बल्कि अब से मिथिला मखाना के नाम से मखाना को जीआई टैग मिलेंगा। बिहार मखाना के नाम से जीआई टैग मिलने पर मिथिला के रहने वालों ने बहुत एतराज जताया था। बिहार के कृषि विश्वविद्यालय के डीन एग्रीकल्चर आरआर सिंह ने बिहार मखाना का नाम बदल के मिथिला मखाना करने के लिए रजिस्टार के पास पत्र भेजा था इसमें नाम बदलने का आग्रह किया गया था।

जिसके बाद से ही जीआई टैग के लिए मिथिला मखाना के नाम से ही आगे की पूरी प्रक्रिया पुर्ण हो रही है। आपको बता दें कि बीते 8 नवंबर को ही दिल्ली से आई अधिकारियों की पूरी टीम ने पटना में मिथिला मखाना के उत्पादकों से विचार-विमर्श कर के इसका हल निकाला था। साल 2022 के अंत तक मैथली मखाना को जीआई मिल जाने की पूरी तरह से संभावना है।

बिहार के कृषि मंत्री श्रीअमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि मखाना बिहार का विशिष्ट उत्पाद का केंद्र है। मखाना को वैश्विक पहचान दिलाने को राज्य सरकार जीआई टैग दिलाने की पूरी तरह से कोशिश कर रही है। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि जीआई टैग मिलने से मिथिला की पहचान और समृद्ध मैं बढोतरी होगी और पूरे दुनिया के लोग इसे ओर उपयोग में लेकर आएंगे।

अगर मिथिला जिला के मखाना को जीआई टैग मिलता है तो यह बिहार का पांचवा उत्पाद का केंद्र होगा। बिहार के मखाना को जीआई टैग मिलने से वैश्विक स्तर पर इसकी मार्केटिंग आगे होगी वहीं इस उत्पाद पर दूसरे राज्य दावा कभी नहीं कर पायेंगी। आपको बता दें कि हर साल 6000 टन मखाना का उत्पादन बिहार में होता है। विश्व में होने वाले मखाना उत्पादन का 80 फीसदी मखाना मिथिला में उत्पादित किया जाता है।