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भारत से अमित ने NASA के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में से एक में शामिल हो कर बढ़ाया देश का मान।

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भारतीय लोग विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसी ही कहानी उत्तराखंड के हल्द्वानी के रहने वाले अमित पांडे की है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा में वरिष्ठ विज्ञानी के पद पर इनका चयन हुआ है। उन्होंने हल्द्वानी के केंद्रीय विद्यालय से हाई स्कूल तक की पढ़ाई पूरी की।

बचपन से ही उनका घर गोरापड़ाव में है। उनके पिता का नाम विपिन चंद्र पांडे है जो महात्मा गांधी इंटर कालेज से सेवानिवृत शिक्षक हैं। उनकी मां सुशीला पांडे एक गृहिणी हैं। अमित ने केंद्रीय विद्यालय से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद रायबरेली के केंद्रीय विद्यालय से 12वीं की परीक्षा दी।

अमित ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बीटेक की डिग्री हासिल की। उसके पश्चात साल 2003 में अमेरिका चले गए। वर्ष 2005 में उन्होंने यूनिवर्सिटी आफ एरिजोना से मास्टर डिग्री और वर्ष 2009 में यूनिवर्सिटी आफ मेरीलैंड से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। वह अमेरिका की कई प्रसिद्ध कपंनियों में कार्य कर चुके हैं।

अमित पांडे के अनुसंधान को लेकर उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसी बीच नासा स्पेस एजेंसी में सीनियर साइंटिस्ट के पद पर उनका चयन हुआ है। वह चंद्रमा पर इंसानों को ठहराने वाली न्यू मून प्रोग्राम आर्टेमिस का हिस्सा होंगे। यह हमारे देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। उनके मामा शेखर त्रिपाठी यूपीसीएल में मुख्य अभियंता हैं। उन्होंने बताया कि अमित अपने क्षेत्र के युवाओं को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। साथ हीअपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से करियर काउंसलिंग भी करता है।

अमित को बायोग्राफी पढ़ने का काफी शौक है। वह कहते हैं कि नील आर्मस्ट्रांग की जीवन ने उन्हें काफी प्रभावित किया। ब्रेन ड्रेन के सवाल पर उनका कहना है, अब इसके लिए नया टर्म प्रयोग होता है, जिसे कहते हैं ब्रेन गेन। अमित युवाओं की हमेशा मदद करते हैं। अमित युवाओं को करियर परामर्श देते हैं। उनका कहना है कि वर्तमान समय में केवल अमीरों तक ही ज्ञान सीमित नहीं है। हर कोई आगे बढ़ने वाला विद्यार्थी इंटरनेट मीडिया का बेहतर इस्तेमाल कर ज्ञान में प्राप्त कर सकता है।