Connect with us

BIHAR

भागलपुर बनेगा टाइल्स इंडस्ट्री का हब, माटी में है यह खासियत, जानें।

Published

on

WhatsApp

बिहार के भागलपुर में पीरपैंती कोयला खान के ऊपर की मिट्टी भी सोना है। यहां हाई क्लास का वर्ल्ड क्लास टाइल्स क्ले मिला है। उससे हायर क्वालिटी का टाइल्स तैयार होगा। उसके हेतु व्यापक डिपार्टमेंट ऑफ माइंड एंड जियोलॉजी व्यापक कार्य प्लान बना रहा है। वहां टाइल्स इंडस्ट्री (इंडस्ट्रियल हब) लगवाने का प्लान है।

इंडस्ट्री स्थापित करने के हेतु माइंस एंड जियोलॉजी डिपा111qर्टमेंट , इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट से कॉन्टैक्ट में है। इसकी सहायता से वहां टाइल्स यूनिट एस्टेब्लिश होगा । 1अगर किसी वजह से वहां इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट की मदद से ऐसी उद्योग स्थापित नहीं हो सकी, तो माइंस एंड जियोलॉजी डिपार्टमेंट खुद इसकी पहल करेगा। ऐसी परिस्थिति में मिनरल कॉर्पोरेशन यहां अपने लेवल से यूनिट लगवाए। डिपार्टमेंट इस कार्य प्लान पर कार्य कर रही है कि कैसे इस विशेष मिट्टी का अच्छा इस्तेमाल करवाया जाए। कितनी क्वांटिटी में टाइल्स तैयार हो सकता है, कैसे बन सकता है, यह सब नोटिस किया जा रहा है। यहां इंडस्ट्री लगने से बिहार गवर्नमेंट के खजाने में न सिर्फ भारी भरकम राशि आएगी हालाकि बड़ी क्रमांक में रोजगार के मौके भी उपलब्ध होंगे। बताया जा रहा है कि डिपार्टमेंट को जितना रेवेन्यू अभी आता है, इसमें कई गुनी बढ़ोतरी होगी।

उसके अतिरिक्त टाइल्स के हेतु बाहर के राज्यों पर निर्भरता भी कम होगी। यहां उपस्थित टाइल्स क्ले से जो टाइल्स तैयार होगा, उसकी क्वालिटी बेहद हाई की होगी, जबकि उसे अन्य राज्यों को भेजा भी जा सकता है। प्रोडक्शन बढ़ने पर फॉरेन तक उसका एक्सपोर्ट हो सकेगा।

भागलपुर के पीरपैंती में कोयला का खान है। वहां का कोयला ग्रेड-12 कोटि का है एवं उसका इसका कई इस्तेमाल हो सकता है। वहां भूमि के भीतर 230 मिलियन टन कोयले का खान है, परंतु वह 90 मीटर के बेस में है। खान डेवलप होने के उपरांत प्रति वर्ष में 60 मिलियन टन कोयले का माइनिंग करवाया जाएगा। उनके समीप निकट मिर्जापुर में भी 200-300 मिलियन टन कोयले का खान मिला है। वहां खनन के हेतु अलग से कार्य प्लान तैयार होगा।

पीरपैंती में जहां भूमि के नीचे कोयला का खान है, इसके ऊपर मिट्टी की मोटी लेयर होती है। उसकी रिसर्च में पता चला कि वह हायर क्लास का टाइल्स क्ले है। यह बहुत उपयोगी मिट्टी है। यहां 85 वर्ग किमी में उसका विस्तार है। उसके दायरे में 86 ग्रामीण इलाके आते हैं।