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बिहार में 14 हजार उर्दू शिक्षकों की होगी बहाली, शिक्षा विभाग ने शुरू की तैयारी।

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आंकड़ों के अनुसार बिहार के प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों में 14 हजार उर्दू शिक्षकों के पद खाली हैं। शिक्षा विभाग की ओर से इन रिक्त पदों पर नियुक्ति की तैयारी की जा रही है। इसके संबंध में सरकार के स्तर से अंतिम निर्णय लेना बाकी है। हालांकि उर्दू शिक्षकों के भर्ती के लिए जल्द ही एक कैंपेन की शुरुआत किया जाएगा।

खबर के अनुसार बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में कुल 24 हजार से अधिक शिक्षक पढ़ा रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से अधिक से अधिक रिक्तियां निकालने की तैयारी की जा रही है। हालिया प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षक नियोजन में उर्दू के काफी पद खाली रह गये हैं। इसकी वजह है कि उर्दू भाषा में अपेक्षित संख्या में टीइटी और एसटीइटी अभ्यर्थी ही नहीं है जिसकी वजह से यह रिक्तियां खाली हैं। वहीं इन रिक्तियों को भरने के लिए उच्च स्तर पर विचार किया जा रहा है।

शिक्षा विभाग द्वारा उर्दू शिक्षक के पदों पर रिक्तियां भरने से पूर्व बिहार के सरकारी स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले छात्रों की गिनती की जा रही है। 14 हजार रिक्त पदों के अनुसार बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में 4.20 लाख विद्यार्थी होने चाहिए। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार सरकारी स्कूलों में प्रति वर्ष नामांकित विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में नियुक्ति की जा सकती हैं।

प्रारंभिक स्कूलों की तरह ही माध्यमिक स्कूलों में उर्दू के रिक्त पदों का मूल्यांकन भी कराया गया है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में दूसरी राजभाषा मसलन उर्दू/संस्कृत आदि के लिए शिक्षकों के 5791 पद रिक्त हैं। फिलहाल सरकार ने इसमें खास दिलचस्पी दिखाई है। नये शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर ने हाल ही में घोषणा भी की है कि शिक्षा विभाग बिहार में होने वाले रोजगार सृजन में बड़ी भूमिका निभायेगा।