BIHAR
सुपर 30 के आनंद कुमार जैसा काम, बिहार में सिर्फ 1 रुपया लेकर गरीब बच्चों को इंजीनियर बनाते हैं ये
बिहार भास्कर डेस्क : बिहार देशभर में अनूठे एकेडमिक्स की वजह से भी चर्चित है। आनंद कुमार ( Anand Kumar) ने गरीब बच्चों को आईआईटी (IIT) जैसे संस्थानों में भेजकर ऐसी लकीर खींच दी है कि पूरी दुनिया उनके काम को सलाम करती है। एक मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) भी गज़ब तरीके से बच्चों को पढ़ाते हैं। आरके चुटकले और कबाड़ों के जरिए से खेल-खेल में बच्चों को गणित की मुश्किल पढ़ाई करवाते हैं। कबाड़ को जुगाड़ से खिलौने बनाकर प्रैक्टिकल में यूज करते हैं। वो सामाजिक सरोकार से गणित को जोड़कर, सवाल हल करना बताते हैं। आरके 52 तरीके से पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras theorem) को सिद्ध कर दुनिया को हैरान कर चुके हैं।
वो 200 से ज्यादा बार फ्री नाईट क्लासेज चलाकर भी सुर्खियां बटोर चुके हैं। उनकी क्लास में स्टूडेंट पूरी रात 12 घंटे गणित की पढ़ाई कर चुके हैं। जो खुद मैं हैरान करने वाली बात है। लोग बताते हैं कि वह भी सुपर 30 की तरह भी गरीब स्टूडेंट को इंजीनियर बनाते हैं। इसके बदले में मात्र एक रुपए गुरुदक्षिणा लेते हैं। कई लोग दावा कटे हैं कि आरके, सुपर 30 के आनंद कुमार की परंपरा के टीचर हैं।
गरीब परिवार में जन्में आरके श्रीवास्तव का जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा। जिससे लड़ते हुए वह अपनी पढ़ाई पूरी की। लेकिन, टीबी की बीमारी के कारण आईआईटी की प्रवेश परक्षा नहीं दे पाए। बाद में ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने लगे।
रामानुजन और वशिष्ठ नारायण सिंह को आदर्श मानने वाले आरके श्रीवास्तव बाद में कोचिंग पढ़ाने लगे। गणित के लिए इनके द्वारा चलाया जा रहा निःशुल्क नाईट क्लासेज अभियान पूरे देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है। इस क्लास को देखने और उनका शैक्षणिक कार्यशैली को समझने के लिए कई विद्वान उनके इंस्टीट्यूट आ चुके हैं।
आरके श्रीवास्तव ने 200 से ज्यादा क्लास पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित पढ़ाई है जो जारी है। इस काम के लिए इनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी दर्ज हो चुका है।
आरके श्रीवास्तव ने 200 से ज्यादा क्लास पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित पढ़ाई है जो जारी है। इस काम के लिए इनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी दर्ज हो चुका है।
आरके श्रीवास्तव ने संख्या 1 क्या है, पर शैक्षणिक सेमिनार में घंटों भाषण दिया है। वो कहते हैं कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के युग में गणित की महत्ता सबसे ज्यादा है इसलिए इस विषय को रुचिकर बनाकर पढ़ाने की जरूरत है। एक सवाल को अलग-अलग मेथड से हल करना भी सिखाते हैं। वे सवाल से नया सवाल पैदा करने की क्षमता का भी विकास करते हैं