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BIHAR

बिहार में बालू खनन हुआ शुरुआत, बिहार में निर्माण करा रहे लोगों को उचित कीमत पर मिलेगा बालू।

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विगत तीन महीनों से बिहार में बालू खनन का कार्य स्थगित है परंतु आज से खनन की शुरुआत होगी। अगले तीन महीने तक बालू घाटों से खनन की जिम्मेदारी पुराने बंदोबस्तधारी को ही दी गई है। सरकार की ओर से उन्हें विस्तार दे दिया गया है। बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन की ओर से पुराने बंदोबस्तधारियों के खनन के अंतराल में 25 दिसंबर तक वृद्धि की गई है। 1 अक्टूबर शनिवार के दिन से यह प्रावधान लागू हो जाएगा। हालांकि इसके पूर्व उन्हें निर्धारित अवधि के लिए रॉयल्टी की राशि पुनः जमा करनी होगी। खनन शुरू होने से बालू की कीमतों में गिरावट की संभावना है। इससे निर्माण कार्य करा रहे लोगों को राहत मिलने की संभावना है।

वर्तमान समय में जिलाधिकारी के नेतृत्व में बिहार में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया जारी है। विभिन्न जिलों में विभिन्न बालू घाटों की नीलामी होगी। इस प्रक्रिया में दो से तीन महीनों का समय लग सकता है। इसकी वजह से
खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से पुराने बंदोबस्तधारियों को ही खनन की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया है। इससे बालू की कमी नहीं होगी। एनजीटी के प्रावधान के अंतर्गत बिहार राज्य में जुलाई से सितंबर तक बालू खनन का कार्य स्थगित रहता है।

नई नीति के अनुसार अगले 5 सालों के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर ई-नीलामी से नए बालू घाटों की बंदोबस्ती की जाएगी। इस कार्य की शुरुआत अक्टूबर महीने से होगी। डीएसआर में खनन योग्य बालू की मात्रा और स्वामित्व दर को आधार बनाया गया है। ऐसे में जिलों में नजर से बालू की कीमत निर्धारित होगी। आपात स्थिति में बालू की कीमत को जिला प्रशासन द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों के जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें बालू घाट, बालू की खनन योग्य मात्रा आदि की विस्तृत जानकारी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के पश्चात बिहार में नए प्रावधान के अनुसार बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है।