BIHAR
बिहार में नए कृषि कॉलेज की स्थापना, स्कूल से ही बच्चों को सिखाया जाएगा खेती की बारीकियां।
बिहार में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार द्वारा नए कृषि कॉलेज की स्थापना की जाएगी। कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत द्वारा विभागीय अधिकारियों को इसके लिए संभावनाएं की खोज का निर्देश दिया गया है।कृषि मंत्री के अनुसार डेढ़ करोड़ से अधिक किसानों की संख्या वाले राज्य में कृषि शिक्षा को लोगों तक पहुंचाए बिना कृषि आधारित राज्य का विकास नहीं हो सकता है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए बिहार में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही आवश्यकता के अनुसार कृषि के क्षेत्र में नए कॉलेजों की स्थापना की जाएगी। 2021-22 के वित्तीय बजट में सरकार की ओर से स्कूली पाठ्क्रम में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रविधान किया गया था। खेती-किसानी की पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था में बदलाव को लेकर तेजी से पहल की जा रही है।
आने वाले दिनों बिहार के कृषि के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। बिहार के विद्यार्थी भी कुशल प्रोफेशनल्स बनकर इंडस्ट्री के लिए निकलेंगे जिससे कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी। इसके साथ ही दक्षिण बिहार के शुष्क क्षेत्रों में बागबानी को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य किया जाएगा। अधिक संख्या में किसानों तक ड्रिप तथा स्प्रिंकलर सिंचाई का लाभ पहुंचाने को लेकर अभियान की शुरुआत की जाएगी।
दक्षिण बिहार के विभिन्न जिलों में जलछाजन का विकास किया जाएगा। किसानों की समस्याओं के निवारण के लिए डिजिटल कृषि की शुरुआत की जाएगी। इससे डिजिटल तकनीक के माध्यम से कृषि संबंधी सभी सुविधाओं को किसानों तक पहुंचाने में सहायता होगी। वहीं कृषि मंत्री की ओर से निर्धारित समय में समस्याओं का समाधान की ठोस व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
वर्तमान समय में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन कृषि अनुसंधान संस्थान, मीठापुर के परिसर में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत सबौर, भागलपुर में एक कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत आरा, भोजपुर में कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय की पढ़ाई चल रही है। इसके अतिरिक्त राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के अधीन पंडित दीन दयाल उपाध्याय उद्यान और वानिकी महाविद्यालय मोतिहारी संचालित है।