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बिहार में जमीन की दाखिल-खारिज में ‘फीफो’ नियम लागू, अब CO की खत्म होगी मनमानी, जनिए क्या है ‘फीको’ नियम।

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ऑनलाइन दाखिल-खारिज के नियम में कुछ परिवर्तन किया जा रहा है। अब जमीन के दाखिल- खारिज की प्रक्रिया अब और पारदर्शी हो जाएगी। अब तक ऑनलाइन दाखिल-खारिज के मामलों में अंचल कर्मियों द्वारा मनमानी की जाती थी परंतु नई व्यवस्था के आने की वजह से उनकी मनमानी पर रोक लग जाएगा। अभी तक पिक एंड चूज के नियम से ऑनलाइन दाखिल खारिज किया जाता था जिसमें अंचल कर्मियों की खूब मनमानी चलती थी। इसी मनमानी पर रोकथाम के लिए शीघ्र ही फीफो नियम को लागू किया जाएगा।

पिक एंड चूज का तात्पर्य अपने मन से किसी का चुनाव करना होता है। इसके अंतर्गत दाखिल-खारिज के प्राप्त आवेदनों में से अंचल कर्मी अपने मन से किसी के भी आवेदन के आधार पर म्युटेशन का काम करा सकते हैं। इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वहीं फीफो का तात्पर्य फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट ।यानी पहले आओ पहले पाओ है। यह व्यवस्था को लागू करने के पश्चात म्युटेशन के प्राप्त आवेदन का पहले निपटारा करना अंचल कर्मियों के लिए अनिवार्य होगा। इससे अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारी और डाटा इंट्री ऑपरेटर जैसे अंचल कर्मी म्युटेशन के मामलों में पीक एंड चूज नहीं कर पाएंगे।

नए व्यवस्था फीफो को लागू करने के लिए पहले ट्रायल के लिए कुछ जिलों के कुछ अंचलों का चुनाव किया गया है जिसमें हाजीपुर, समस्तीपुर, नवादा, भागलपुर और सीवान के कुछ अंचल को चयनित किया गया है। इस अंचलों से प्राप्त इनपुट के आधार पर इसे पूरे बिहार के सभी जिलों में इसको लागू किया जाएगा। पूरे बिहार के 534 अंचलों में पहले लगभग 35 से 40 अंचलों में इसको लागू किया जाएगा।

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने वरीय अधिकारियों के साथ इसके संबंध में विचार किया और अंततः आलोक कुमार मेहता की ओर से यह फैसला लिया गया। मंत्री ने अधिकारियों को किसी कारण से किसी का आवेदन अस्वीकृत करने पर अस्वीकृती का कारण विस्तार से और लिखित रूप में उस आदमी को बताने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अस्वीकृत करने से पहले जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए आवेदक को एक मौका भी दिया जाएगा। आलोक कुमार मेहता ने बताया कि अंचल अधिकारी द्वारा कारण बताए बिना आवेदन को स्वीकृत करने की शिकायत दर्ज की गई थी। इसी को दूर करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

इसके बाद भी दोषी पाए जाने वाले अंचल कर्मी पर कठोर विभागीय करवाई की जाएगी। मंत्री की ओर से कोर्ट के आदेश के बाद वासभूमि खाली कराने से पहले भूमिहीनों के लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था करने का निर्देश अंचल कर्मियों को दिया गया। इसके साथ ही उनके द्वारा 37391 चिह्नित वासभूमि विहीन परिवारों को चालू वित्तीय वर्ष में आवास की भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। गरीबों के पास जमीन उपलब्ध नहीं होने पर उन्हें जमीन उपलब्ध कराया जाए। अगर गांव में सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं होगी तो खरीद कर वास की जमीन दी जाए।