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BIHAR

बिहार में खुलेंगे दो हजार नए आंगनबाड़ी केंद्र, केंद्र सरकार की ओर से मिली मंजूरी

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कुपोषण के विरुद्ध बिहार में संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में तीव्रता प्रदान करने के लिए दो हजार नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इसकी स्थापना के लिए केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही इसकी स्थापना के लिए कार्रवाई जारी है। इस बात की जानकारी समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी द्वारा दी गई है। कुछ ही समय में इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में खोला जाएगा।

इन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायता से कुपोषित बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाया जाएगा। समाज कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना 400 से 800 की जनसंख्या
वाले क्षेत्र में होता है। जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक अथवा एक से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हो सकते हैं। आंगनबाड़ी कायकर्ता तथा सहायिका केंद्र को चलाते हैं।

प्रतीकात्मक चित्र

खबर के अनुसार समाज कल्याण विभाग द्वारा बिहार में 20 हजार नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना और उसके अनुसार केंद्रीय सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। इस प्रस्ताव पर मंजूरी मिलनी अभी भी बाकी है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। वर्तमान समय में समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय के अंतर्गत बिहार में 1 लाख 12 हजार 94 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें वास्तविक रूप से वर्तमान में 1.10 लाख आंगनबाड़ी केंद्र ही क्रियाशील है।

वर्तमान समय में बिहार में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में 99 लाख 23 हजार 915 लाभार्थी हैं। इनमें शून्य से 6 वर्षीय बच्चे, किशोरी और गर्भवती के साथ शिशुवती महिलाएं शामिल हैं। शिशुओं के प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य, बाल पोषण, विद्यालय शिक्षा और बच्चों के टीकाकरण में आंगनबाड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।